उत्तराखंड: चमोली भूकंप की 25वीं बरसी, मृतकों को श्रद्धांजलि
29 मार्च 1999 को उत्तराखंड के चमोली जिले में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें लगभग 100 लोगों की जान गई और 100,000 लोग बेघर हो गए। भूकंप से बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई। यह हिमालय की तलहटी में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। चमोली में आए भूकंप से लगभग 2600 घर ढह गए और 10,000 से अधिक क्षतिग्रस्त हो गए। रुद्रप्रयाग जिले के चमोली शहर, गोपेश्वर और ओखीमठ क्षेत्र में बिजली, पानी की आपूर्ति और कम्युनिकेशन भी गंभीर रूप से प्रभावित हुए। भूकंप के झटके कोलकाता तक महसूस किए गए थे।

हाइलाइट्स:
- 29 मार्च 1999 को चमोली में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया।
- भूकंप में लगभग 100 लोगों की जान गई, और लाखों लोग बेघर हो गए।
- करीब 2600 घर ढह गए और 10,000 से अधिक क्षतिग्रस्त हुए।
विस्तृत विवरण:
नई दिल्ली: पहाड़ों में धूप खिली थी और मौसम गुलाबी ठंडक से भरा था। 29 मार्च 1999 को चमोली जिले में एक भयंकर भूकंप आया, जिसके निशान आज भी ताज़ा हैं। इस भूकंप में लगभग 100 लोगों की जान गई और 100,000 लोग बेघर हो गए। 50 से अधिक लोग घायल हुए। जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग रहे थे। चारों तरफ खौफनाक मंजर था।
भूकंप में फंसे लोगों को बचाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि दूरदराज के पहाड़ों में बसे घरों तक राहत पहुंचाना आसान नहीं था। हालांकि, सरकार और कुछ गैर-सरकारी संगठनों ने मदद पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की। चमोली के लोग आज भी उस खौफनाक मंजर को याद करके डर जाते हैं। उत्तराखंड ने पहले भी कई त्रासदियां झेली हैं।
उत्तरकाशी में आए भूकंप:
- 1918 में आया बड़ा भूकंप
- 20 अक्तूबर 1991 की रात को 8 तीव्रता का भूकंप
- 29 मार्च 1999 को 8 तीव्रता भूकंप
- 21 सितंबर 2009 में 7 तीव्रता का भूकंप
- 4 अप्रैल 2011 को 7 तीव्रता का भूकंप
- 20 जून 2011 को 6 तीव्रता का भूकंप
- 10 फरवरी 2012 को 5 तीव्रता का भूकंप
- 25 अप्रैल 2015 को 8 तीव्रता का भूकंप
- 7 फरवरी 2017 को 8 तीव्रता का भूकंप
- 7 जून 2018 को 4 तीव्रता का भूकंप
- 6 नवंबर 2022 को 5 तीव्रता का भूकंप
चमोली में आए भूकंप से लगभग 2600 घर ढह गए और 10,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। यह भूकंप हिमालय की तलहटी में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस शक्तिशाली भूकंप से रुद्रप्रयाग जिले के चमोली शहर, गोपेश्वर और ओखीमठ क्षेत्र में बिजली, पानी की आपूर्ति और संचार भी गंभीर रूप से प्रभावित हुए। भूकंप के झटके कोलकाता तक महसूस किए गए थे।