ढाका हाईकोर्ट ने 20 छात्रों की फांसी की सजा बरकरार रखी

ढाका हाईकोर्ट ने 2019 में एक छात्र की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में 20 छात्रों की मौत की सजा बरकरार रखी है। मृतक छात्र ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया था। निचली अदालत ने 2021 में छात्रों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा है। इसके अतिरिक्त, पांच छात्रों की आजीवन कारावास की सजा भी बरकरार रखी गई है। फहद के परिवार ने संतोष व्यक्त किया है, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है। इस मामले में एक दोषी, मुंतसिर, जेल से फरार है। ये सभी छात्र बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (BUET) के थे।

Mar 17, 2025 - 11:46
ढाका हाईकोर्ट ने 20 छात्रों की फांसी की सजा बरकरार रखी
ढाका हाईकोर्ट ने 2019 के एक हत्याकांड में 20 छात्रों की मौत की सजा को बरकरार रखा है। ये छात्र अबरार फहद की हत्या के दोषी पाए गए थे, जिसमें अभियोजक ने 20 छात्रों को मौत और 5 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बीच, बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।

ढाका हाईकोर्ट ने 2019 में छात्र अबरार फहद की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में 20 छात्रों की मौत की सजा बरकरार रखी है। फहद ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अवामी लीग के छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने उसे मार डाला। निचली अदालत ने 2021 में छात्रों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा है। इसके अतिरिक्त, पांच छात्रों की आजीवन कारावास की सजा भी बरकरार रखी गई है। फहद के परिवार ने संतोष व्यक्त किया है, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है। इस मामले में एक दोषी, मुंतसिर, जेल से फरार है। ये सभी छात्र बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (BUET) के थे।

इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है, क्योंकि दोषी छात्र बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) के सदस्य थे, जो शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र शाखा है। फहद की पोस्ट में सरकार की आलोचना की गई थी, जिससे BCL के छात्र भड़क गए थे। हालांकि, मामले के बाद इन सभी को पार्टी से निकाल दिया गया था। दिसंबर 2021 में, ढाका की एक निचली अदालत ने दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी, और अब हाईकोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा है। जस्टिस असदुज्जमान और जस्टिस सैयद एनायत हुसैन की पीठ ने कहा कि वे हाईकोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं और इसे जल्द लागू किया जाना चाहिए।

फहद के भाई फैयाज ने फैसले पर संतोष जताया और कहा कि उन्हें इतनी जल्दी फैसले की उम्मीद नहीं थी, लेकिन अभी भी कई कानूनी प्रक्रियाएं बाकी हैं। बचाव पक्ष के वकील अजीजुर रहमान दुलु ने निराशा व्यक्त की और कहा कि वे अपीलीय विभाग में अपील करेंगे, जहां उन्हें न्याय की उम्मीद है।