हरिद्वार भूमि घोटाला: 54 करोड़ की खरीद पर जांच पूरी, DM समेत तीन अफसर शक के घेरे में

हरिद्वार में नगर निगम द्वारा 54 करोड़ रुपये में खरीदी गई 35 बीघा कृषि भूमि से जुड़ी कथित अनियमितताओं की जांच पूरी हो चुकी है। जांच अधिकारी आईएएस रणवीर सिंह चौहान ने अपनी रिपोर्ट में डीएम, नगर आयुक्त और एसडीएम की भूमिका को संदिग्ध बताया है। रिपोर्ट शहरी विकास सचिव को सौंप दी गई है और अब सरकार आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगी। पहले ही कई नगर निगम अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।

May 31, 2025 - 15:15
हरिद्वार भूमि घोटाला: 54 करोड़ की खरीद पर जांच पूरी, DM समेत तीन अफसर शक के घेरे में

हरिद्वार नगर निगम में करोड़ों रुपये के भूमि घोटाले की जांच पूरी हो गई है। आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में जिला अधिकारी (DM), नगर आयुक्त और उप जिलाधिकारी (SDM) की भूमिका को संदेहास्पद बताया गया है। अब राज्य सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी।

यह मामला नगर निगम द्वारा 35 बीघा अनुपयुक्त कृषि भूमि को 54 करोड़ रुपये में खरीदने से जुड़ा है। आरोप है कि यह जमीन शहर के कूड़े के ढेर के पास स्थित थी और इसकी खरीद न तो आवश्यक थी और न ही वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार हुई। उस समय जमीन का भूमि उपयोग (लैंड यूज) कृषि था, और सर्किल रेट मात्र 6,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर था।

विशेष रूप से आरोप यह है कि कृषि भूमि को पहले व्यावसायिक भूमि में बदला गया, जिससे उसकी कीमत कृत्रिम रूप से बढ़ाई गई। इसके बाद नगर निगम ने नियमों को दरकिनार कर बिना पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के इस जमीन को खरीद लिया। यह सीधा सरकारी खरीद के नियमों का उल्लंघन है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का जिम्मा आईएएस रणवीर सिंह चौहान को सौंपा था। उन्होंने मौके पर जाकर 24 संबंधित व्यक्तियों से बयान लिए, दस्तावेजों की जांच की और पूरे प्रकरण का सूक्ष्म परीक्षण किया। उनकी रिपोर्ट अब शहरी विकास सचिव नितेश झा को सौंप दी गई है।

जांच के दौरान कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई। प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही संपत्ति लिपिक वेदवाल का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया।

शहरी विकास सचिव नितेश झा ने पुष्टि की है कि रिपोर्ट मिल चुकी है और उसका अध्ययन किया जा रहा है। रिपोर्ट में उठाए गए बिंदुओं के आधार पर जल्द ही अगली कार्रवाई तय की जाएगी। सूत्रों की मानें तो मामले में शामिल वरिष्ठ अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की संभावना है।