आपदा जोन में निर्माण निषेध! सीएम धामी का बड़ा कदम – नई बसावटों पर रोक, अधिकारियों को चेतावनी!
भूस्खलन, हिमस्खलन, अचानक बाढ़ जैसे खतरों से जूझ रहे पर्वतीय इलाकों में तुरंत जोखिम-वाले स्थलों की पहचान कर उन्हें “निर्माण निषेध क्षेत्र” घोषित किया जाना सीएम का अगला कदम है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा और जनता की रक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के “विकास” की परिभाषा ही बदल दी है। उन्होंने सीधे निर्देश दिए: अब आपदा-संवेदनशील इलाकों में कोई नया निर्माण या बसावट नहीं होगी।
भूस्खलन, हिमस्खलन, अचानक बाढ़ जैसे खतरों से जूझ रहे पर्वतीय इलाकों में तुरंत जोखिम-वाले स्थलों की पहचान कर उन्हें “निर्माण निषेध क्षेत्र” घोषित किया जाना सीएम का अगला कदम है।
मुख्यमंत्री ने यह साफ कह दिया कि नदियों, नालों और प्राकृतिक जल स्रोतों के किनारे अब “न तो सरकारी और न ही निजी निर्माण” की अनुमति दी जाएगी। यह निर्देश सभी जिलाधिकारियों को जारी — और निगरानी सख्त होगी। उल्लंघन पर होगी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई।
इस हाई-लेवल बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे, ताकि निर्देशों का प्रभावी अनुवर्तन सुनिश्चित किया जा सके।
यह कदम निर्माण को रोकने की नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का रणनीतिक उपाय है। सीएम ने स्पष्ट किया: विकास तभी meaningful होगा जब वह आपदा-प्रबंधन और पर्यावरण के साथ संतुलित हो।