अमेरिका-पाकिस्तान की दोस्ती: भारत के लिए खतरा?
अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में नया मोड़ आया है, जहां अमेरिका पाकिस्तान की विशाल खनिज संपदा का दोहन करने में रुचि दिखा रहा है। अमेरिका पाकिस्तान को स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए जरूरी खनिजों के लिए एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर देख रहा है। ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान पर मेहरबान है क्योंकि अमेरिका पाकिस्तान का इस्तेमाल अपनी ग्रीन-टेक अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी खनिजों को पाने के लिए कर रहा है। एरिक मेयर ने खनिज क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते तलाशने के लिए एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। दोनों देश भले ही रिश्तों में कड़वाहट दिखाएं, लेकिन जब भी पाकिस्तान को मदद की जरूरत होती है, अमेरिका हमेशा साथ खड़ा रहता है। हालांकि, अमेरिका इसके बदले में पाकिस्तान से कीमत वसूलता है। पाकिस्तान की मजबूरी है कि वह अमेरिका को कीमत चुकाने को तैयार हो जाता है, चाहे अफगानिस्तान में अमेरिकी हमले का समर्थन करना हो या भारत के खिलाफ भू-राजनीतिक दबाव की राजनीति खेलना।
लगातार अमेरिकी प्रशासन ने आतंकवादी नेटवर्क के साथ संदिग्ध व्यवहार के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बार-बार पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के साथ संबंधों को उजागर किया है, जिन्होंने अफगानिस्तान और भारत में हमले किए हैं। फिर भी, अमेरिका अपने लक्ष्यों के लिए पाकिस्तान को एक रणनीतिक साझेदार मानता है।
अमेरिका ने अफगान युद्ध के दौरान पाकिस्तान को सप्लाई बेस की तरह इस्तेमाल किया। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को अफगानिस्तान में मदद के लिए उतारा। हालांकि, अमेरिका ने पाकिस्तान की खूब मदद की, जिसका सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तानी सेना ने उठाया। अब अमेरिका, पाकिस्तान का इस्तेमाल अपनी ग्रीन-टेक अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी खनिजों को पाने के लिए कर रहा है। ऐसा लगता है कि इसी वजह से ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान पर मेहरबान है।
यूरेशियन Times की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के अमेरिकी ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी एरिक मेयर की हालिया पाकिस्तान यात्रा ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में एक रणनीतिक बदलाव दिखाया है। आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकवादी ठिकानों पर चिंताओं के बावजूद, अमेरिका अब पाकिस्तान की विशाल खनिज संपदा की ओर देख रहा है, जो स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए जरूरी है।
अप्रैल 2025 में, एरिक मेयर ने खनिज क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते तलाशने के लिए एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने रावलपिंडी में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल सैयद असीम मुनीर से मुलाकात की। उनकी बातचीत खनिज विकास पर केंद्रित थी। मेयर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की, जिन्होंने पाकिस्तान को अमेरिकी निवेश के लिए एक बेहतर जगह बताया।