कोरोना के JN.1 वैरिएंट से कैसे बचें: लक्षण, कारण और उपाय
भारत में कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, जिसके लिए JN.1 वैरिएंट को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। यह ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है और तेज़ी से फैल रहा है। इसके लक्षणों में दस्त, बुखार, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं। भारत में इसके 257 सक्रिय मामले हैं, लेकिन ज़्यादातर हल्के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी बरतें, टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। नियमित रूप से हाथ धोएं, मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।

सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग के बाद भारत में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इस बार JN.1 वैरिएंट को मामलों में वृद्धि का कारण माना जा रहा है। यह ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है और एशिया के कुछ देशों में तेज़ी से फैल रहा है।
JN.1 वैरिएंट: कितना खतरनाक?
सिंगापुर में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है, जबकि हॉन्ग कॉन्ग में मौतें भी हुई हैं। भारत में 257 सक्रिय मामले हैं और दो मौतें हुई हैं।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण:
JN.1 वैरिएंट के लक्षण अन्य कोरोना वैरिएंट्स के समान हैं, लेकिन दस्त इसका सबसे आम लक्षण है। अन्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश और सिरदर्द शामिल हैं।
भारत में JN.1 वैरिएंट की स्थिति:
भारत में 19 मई 2025 तक 257 सक्रिय मामले थे, जिनमें से ज़्यादातर हल्के हैं। सबसे ज़्यादा मामले केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं।
क्या करें बचाव के लिए:
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन JN.1 जैसे नए वैरिएंट्स के कारण सावधानी ज़रूरी है। हल्के लक्षण दिखने पर टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। नियमित रूप से हाथ धोएं, मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।