फेरबदल की आहट: धामी सरकार में बड़े बदलाव के संकेत, माफिया लॉबी में बेचैनी!
उत्तराखंड में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के दिल्ली और देहरादून के लगातार दौरों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह गतिविधियां राज्य में सत्ता परिवर्तन की आशंका को जन्म दे रही हैं, जबकि सूत्रों का मानना है कि असल में मामला धामी सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार से जुड़ा हुआ है।

उत्तराखंड में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के दिल्ली और देहरादून के लगातार दौरों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह गतिविधियां राज्य में सत्ता परिवर्तन की आशंका को जन्म दे रही हैं, जबकि सूत्रों का मानना है कि असल में मामला धामी सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार से जुड़ा हुआ है।
मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी: राज्य में धामी सरकार चार नए मंत्रियों को शामिल करने की योजना बना रही है। वहीं, कुछ मौजूदा मंत्रियों को उनके पद से हटाने की भी चर्चा है। जिन मंत्रियों के विभागों में विवाद उठे हैं या जिनके विभाग जांच के दायरे में आए हैं, उन्हें हटाने की संभावना जताई जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए, कई मंत्री दिल्ली का दौरा कर रहे हैं, जबकि कुछ विधायक खाली हो रहे पदों के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
सीएम धामी का फ्रीहैंड: भाजपा के केंद्रीय आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मंत्रिमंडल विस्तार के मामले में फ्रीहैंड दिया जाएगा। दिल्ली ने साफ संदेश दिया है कि धामी को अपनी टीम सेट करने का पूरा अधिकार रहेगा, और इसी आधार पर मंत्रियों और विधायकों को सीएम धामी का विश्वास जीतना होगा।
राजनीतिक अस्थिरता की अफवाहें: उत्तराखंड की राजनीति में पिछले 24 वर्षों से हर मुख्यमंत्री को अस्थिरता की अफवाहों से जूझना पड़ा है। इस बार भी, कुछ गुटों और माफिया लॉबी ने मंत्रियों और विधायकों के दिल्ली दौरों को राज्य में राजनीतिक अस्थिरता से जोड़ने की कोशिश की है। सूत्रों के अनुसार, इस तरह की अफवाहें फैलाने में वे लोग शामिल हैं जिनकी मौजूदा सरकार में जगह नहीं बन पा रही है।
धामी सरकार की पकड़ मजबूत: 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत और धामी सरकार के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई है। सीएम धामी की मजबूत होती पकड़ और बढ़ते कद से उत्तराखंड की माफिया लॉबी बेचैन है। इस लॉबी में कथित पत्रकार, अफसर, और ठेकेदार शामिल हैं, जो राज्य में स्थिर सरकार से खुश नहीं हैं।
भाजपा नेतृत्व की नजर: देहरादून से दिल्ली तक भाजपा नेतृत्व को इस माफिया लॉबी की पूरी जानकारी है। इस कारण, भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं की स्थिति कमजोर होती जा रही है, और उनकी कुर्सी भी खतरे में है।
उत्तराखंड की राजनीति में यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक अस्थिरता की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। मुख्यमंत्री धामी को उनके नेतृत्व पर मिले इस फ्रीहैंड का राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।