कांग्रेस का 'न्याय पथ': गुजरात जीतने की रणनीति पर फोकस
कांग्रेस ने गुजरात में साबरमती नदी के किनारे हुए अधिवेशन में 'नूतन गुजरात, नूतन कांग्रेस' का नारा दिया और सत्ता में वापसी के लिए कमर कस ली है। अधिवेशन में 'न्याय पथ' नाम से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें गुजरात के विकास और सभी वर्गों के उत्थान के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता दोहराई गई। शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस को सकारात्मक विमर्श और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेस ने राष्ट्रवाद की अपनी अवधारणा को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह देश की एकता, सामाजिक न्याय और वंचितों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।पार्टी ने बीजेपी पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाया और गुजरात से बीजेपी को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया।

पार्टी ने कहा कि वो अब पूरी ताकत से तीन दशक बाद गुजरात की सत्ता में वापसी करेगी।
अधिवेशन में गुजरात को लेकर एक प्रस्ताव भी पास हुआ, जिसमें ये बताया गया कि 'गुजरात में कांग्रेस क्यों जरूरी है' और राज्य के लिए कई वादे किए गए।
अहमदाबाद में कांग्रेस की दो दिन की मीटिंग में जो बातें हुईं, उसे 'न्याय पथ' नाम दिया गया है।
देशभर से आए लगभग 2000 कांग्रेस के खास सदस्यों के सामने पार्टी ने अपना प्लान रखा, जिसे सबने हाथ उठाकर पास किया। राजस्थान के नेता सचिन पायलट ने न्याय पथ का आइडिया दिया, तो पूर्व मंत्री शशि थरूर ने उसे सही बताया।
साबरमती के किनारे कांग्रेस ने दो बातें तय कीं- पहली, देश के लिए और दूसरी, गुजरात के लिए। थरूर ने कहा कि कांग्रेस को गुस्सा, पुरानी बातें और बुराई करने वाली पार्टी नहीं बनना चाहिए, बल्कि उम्मीद, भविष्य और अच्छी बातें करने वाली पार्टी बनना चाहिए।
कांग्रेस को उन लोगों का साथ फिर से पाना होगा, जो 2009 में पार्टी के साथ थे। पार्टी को भविष्य की पार्टी बनना होगा, सिर्फ पुरानी नहीं।
लगभग सात पेज के प्रस्ताव में कांग्रेस ने समाज, अर्थव्यवस्था, राजनीति, राष्ट्रवाद, विदेश नीति, सभी धर्मों का सम्मान, किसान, मजदूर, युवा और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बात की।
बीजेपी और संघ की तरफ से देश में अपने विचारों को बढ़ाने और दूसरी विचारधाराओं के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाने के चलते, कांग्रेस ने राष्ट्रवाद पर अपनी बात रखने की कोशिश की।
कांग्रेस ने कहा कि उनके लिए राष्ट्रवाद का मतलब है देश की एकता और यहां रहने वाले लोगों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत करना है।
राष्ट्रवाद का मतलब है सभी देशवासियों के लिए एक जैसा न्याय और गरीबों, पीड़ितों और शोषितों के अधिकारों की रक्षा करना, साथ ही भारत की विविधता का सम्मान करना। पार्टी ने बीजेपी के राष्ट्रवाद पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस समाज को जोड़ने का काम करती है, जबकि बीजेपी और संघ समाज को तोड़ने का।