'सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई अव्यवस्था से बहुत दुखी हूं', मेसी के इवेंट में बवाल पर सीएम ममता ने मांगी माफी
कोलकाता के साल्टलेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के सम्मान समारोह में भारी हंगामा हुआ। दर्शकों ने पानी की बोतलें फेंकी और तोड़फोड़ की, जिसके चलते मेसी को जल्दी निकालना पड़ा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी लौट गईं। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ममता बनर्जी ने घटना पर दुख जताया और जांच के लिए कमेटी बनाई। भाजपा ने टीएमसी पर कुप्रबंधन और सुरक्षा में कमी का आरोप लगाया।
कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में शनिवार दोपहर वह नज़ारा देखने को मिला, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोनेल मेसी के सम्मान समारोह में अचानक मचा हड़कंप कुछ ही मिनटों में काबू से बाहर हो गया। मेसी की एक झलक पाने को बेताब हजारों फैंस जब उन्हें ठीक से नहीं देख पाए, तो गुस्से से आगबबूला भीड़ ने स्टेडियम में पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं और फिर ग्राउंड में घुसकर तोड़फोड़ तक कर डाली।
स्थिति alarming होती देख सुरक्षा टीम ने मेसी को निर्धारित समय से पहले ही बाहर निकाल लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो समारोह में पहुंचने ही वाली थीं, रास्ते से वापस लौट गईं। उग्र भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा, जिसमें कई लोग घायल हुए। कुछ ही पलों में उत्सव का माहौल अफरातफरी में बदल गया।
हंगामा तब भड़का जब मेसी स्टेडियम की परिक्रमा कर रहे थे। दर्शकों का आरोप है कि करीब 100 लोगों ने मेसी को चारों तरफ से घेर रखा था, जिसके कारण सामान्य दर्शकों को वे दिखाई ही नहीं दिए। कई फैंस ने बताया कि उन्होंने हजारों रुपये खर्च कर टिकट खरीदे थे, लेकिन उन्हें सिर्फ भीड़ और अफरा-तफरी ही देखने मिली। कुछ लोगों का कहना है कि खेल मंत्री अरूप बिस्वास और अनेक वीवीआईपी मेसी के साथ सेल्फी लेने में इतने मग्न थे कि उन्होंने मेसी को पूरी तरह ढक दिया था।
घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे मामले पर गहरी नाराज़गी जताई और इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वे खुद स्टेडियम में फैंस के साथ इस खास पल को देखने जा रही थीं, लेकिन वहां फैली अराजकता ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने मेसी और सभी फैंस से दिल से माफी भी मांगी, साथ ही कहा कि ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए थी।
ममता बनर्जी ने तत्काल प्रभाव से एक हाई-लेवल जांच समिति गठित कर दी है। यह कमेटी रिटायर्ड जस्टिस असीम कुमार रे की अध्यक्षता में बनाई गई है, जिसमें मुख्य सचिव और गृह व पहाड़ी मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल होंगे। यह टीम पूरे घटनाक्रम की जांच कर जिम्मेदारियों का निर्धारण करेगी और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के उपाय सुझाएगी।
उधर, घटना के बाद राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। बीजेपी ने इस पूरे मामले को ममता सरकार की नाकामी बताते हुए टीएमसी पर करारा हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि विश्व फुटबॉल आइकन के कार्यक्रम के लिए कोई ठोस योजना ही नहीं बनाई गई थी, जिसकी वजह से यह शर्मनाक स्थिति पैदा हुई।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे पूरी तरह “कुप्रबंधन का नतीजा” और राज्य सरकार के लिए “शर्मनाक पल” करार दिया। वहीं, भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने कहा कि हजारों फैंस उम्मीदों के साथ आए थे लेकिन मेसी को देख भी नहीं पाए, जबकि टीएमसी नेता उन्हें घेरे खड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी हस्ती, इतना विशाल जनसमर्थन और फिर भी जीरो प्लानिंग—यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बंगाल की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है।