रेसलिंग फेडरेशन पर लगा बैन हटा, पहलवानों के लिए खुशखबरी!
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है, जिससे भारतीय पहलवानों को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को महासंघ का नियंत्रण सौंपे जाने के बाद आया है। निलंबन हटने से अब पहलवान एशियाई चैंपियनशिप और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे। मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को सुचारू संचालन के लिए निर्देश दिए हैं, जिसमें निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना और पदाधिकारियों के बीच शक्तियों का संतुलन बनाना शामिल है। इस फैसले से भारतीय कुश्ती को बढ़ावा मिलेगा और पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा।

मंत्रालय ने यह फैसला डब्ल्यूएफआई द्वारा उठाए गए कदमों और भारतीय खेलों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। निलंबन रद्द करने के साथ ही डब्ल्यूएफआई को राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता फिर से बहाल कर दी गई है। इससे महासंघ को फिर से फंडिंग मिल सकेगी और वह राष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित कर सकेगा।
डब्ल्यूएफआई को दिसंबर 2023 में निलंबित कर दिया गया था, जब नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप की घोषणा की थी। यह फैसला विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे पहलवानों के विरोध के बीच आया था। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामकाज के लिए एक तदर्थ समिति बनाई थी, जिसे बाद में भंग कर दिया गया। खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के सुचारू संचालन के लिए निर्देश जारी किए हैं, जिसमें निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना और पदाधिकारियों के बीच शक्तियों का संतुलन बनाना शामिल है।