13 जिलों में बंट गई दिल्ली, अब इन दो इलाकों के लोगों को नहीं काटना पड़ेगा 12 KM का चक्कर

दिल्ली में अब जिलों की संख्या 11 से बढ़कर 13 हो गई है। सरकार ने क्षेत्र और जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। पुनर्गठन से लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि कुछ जिलों में कामकाज को लेकर परेशानी हो रही थी। पूर्वी जिले का क्षेत्र निगम के शाहदरा उत्तरी जोन के समान होगा। पुरानी दिल्ली जिला बनने से चांदनी चौक और सदर बाजार की समस्या पर ध्यान दिया जा सकेगा।

Dec 12, 2025 - 15:42
13 जिलों में बंट गई दिल्ली, अब इन दो इलाकों के लोगों को नहीं काटना पड़ेगा 12 KM का चक्कर

राजधानी दिल्ली की तेजी से बढ़ती आबादी और बदलते शहरी ढांचे के बीच सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जिलों की संख्या 11 से बढ़ाकर 13 कर दी है। 1997 से लेकर 2012 तक दिल्ली केवल नौ और फिर ग्यारह जिलों पर चल रही थी, लेकिन बढ़ते कामकाज और जनता की परेशानियों को देखते हुए अब इस ढांचे में बड़ा सुधार किया गया है। नए पुनर्गठन के बाद कई इलाकों की पुरानी दिक्कतें खत्म होंगी और लोगों को अपने घरों के पास ही बेहतर प्रशासनिक सुविधाएं मिलेंगी।

सरकार ने उन जिलों का खाका बदल दिया है जो अब तक निगम के जोनों से मेल नहीं खाते थे। अब पूर्वी जिला वहीं होगा जहां शाहदरा उत्तर जोन है और शाहदरा दक्षिण जोन का पूरा इलाका पूर्वी जिले के बराबर होगा। इस बदलाव से विकास योजनाओं का प्लानिंग मॉडल मजबूत होगा, सांसद और विधायक निधि का बेहतर उपयोग होगा और प्रशासन का काम भी पहले से अधिक सटीक तरीके से आगे बढ़ेगा।

‘पुरानी दिल्ली जिला’ का गठन यहां की ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाली गलियों में नई उम्मीद लेकर आया है। चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे बेहद व्यस्त क्षेत्रों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर अब जिला प्रशासन सीधे ध्यान दे सकेगा। यहां की पुरानी संरचनाएं, थोक बाजार और घनी आबादी इस इलाके को बेहद जटिल बनाते हैं, लेकिन अब नया जिला प्रशासन इन चुनौतियों पर केंद्रित तरीके से काम कर पाएगा।

लालकिले धमाके के एक महीने बाद यह फैसला सामने आया है, इसलिए इसे सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। अब तक पुरानी दिल्ली मध्य जिले के अंतर्गत थी, जिसका क्षेत्र बुराड़ी से लेकर भलस्वा और रोहिल्ला तक फैला हुआ था। इतने बड़े क्षेत्र की निगरानी में प्रशासन का आधा समय इधर-उधर के काम में निकल जाता था, लेकिन अब पुरानी दिल्ली क्षेत्र पर फोकस बढ़ जाएगा।

नई दिल्ली जिला अब पूरी तरह एनडीएमसी और दिल्ली कैंट के दायरे में आ गया है। चूंकि इन इलाकों में दिल्ली के बाकी हिस्सों की तुलना में समस्याएं काफी कम होती हैं, इसलिए यहां प्रशासनिक प्रक्रियाएं और भी तेज और सरल होंगी। शहर के पॉश और रणनीतिक क्षेत्रों को अब एक खास प्रशासनिक मॉडल के तहत संचालित किया जाएगा।

शालीमार बाग और शकूर बस्ती के लोगों को अब 10–12 किलोमीटर दूर कंझावला तक चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ज़िला पुनर्गठन के बाद उनका काम उनके ही आसपास पूरा हो सकेगा। इसी तरह बुराड़ी के लोगों को भी अब दरियागंज में जिला अधिकारी से मिलने नहीं जाना होगा। बुराड़ी, बादली और आदर्श नगर को मिलाकर अब उत्तर जिले का ढांचा पहले से अधिक संतुलित और सुलभ बना दिया गया है।

नांगलोई जाट को उत्तर-पश्चिम जिले में जोड़ दिया गया है, जिसमें अब रोहिणी और किराड़ी भी शामिल हैं। दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र में रहने वालों के लिए भी बड़ी राहत आई है। अब उन्हें अमर कॉलोनी स्थित डीएम ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि बदरपुर को एक नया सब-डिवीजन बनाया जा रहा है जहां एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी स्थानीय स्तर पर ही कार्य करेंगे। इससे कामकाज तेज होगा, समय बचेगा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

- धर्मेंद्र भगत, बदरपुर कहते हैं कि पहले उन्हें हर सरकारी काम के लिए अमर कॉलोनी जाना पड़ता था। अब सब कुछ स्थानीय स्तर पर होने से लोगों की परेशानी काफी कम होगी और काम भी तेज हो जाएगा।

- ऋषिपाल महाशय, फतेहपुर बेरी बताते हैं कि छतरपुर क्षेत्र का अपना सब-डिवीजन बनने से लोगों की पुरानी दिक्कतें खत्म होंगी और उन्हें महरौली के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

- डॉ. फहीम बैग, अध्यक्ष जाफराबाद आरडब्ल्यूए का कहना है कि अब एसडीएम को बिल्कुल स्पष्ट होगा कि उनके अधिकार क्षेत्र में कौन-कौन से इलाके आते हैं। पहले अधिकारियों को भी सीमाएं समझने में समय लगता था।

- जगदीश चौधरी, अध्यक्ष आरडब्ल्यूए का मानना है कि यमुनापार में 2012 से पहले वाली व्यवस्था वापस लाना लोगों के लिए राहत की बात है। शाहदरा जिला खत्म होने से प्रक्रियाएं पहले से सरल होंगी और बहुत से काम आसानी से पूरे हो सकेंगे।

गांधी नगर मार्केट, जिसे एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट कहा जाता है, अब नए ढांचे में बड़ी राहत महसूस करेगी। पहले गांधी नगर एसडीएम कार्यालय पूर्वी जिले में था, लेकिन क्षेत्र शाहदरा जिले के विवेक विहार डिवीजन के अंतर्गत आता था, जिसका ऑफिस नंद नगरी में था। छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी लोगों को नंद नगरी तक जाना पड़ता था, जिससे काफी समय और ऊर्जा खर्च होती थी। अब नया जिला ढांचा यहां कारोबारियों और स्थानीय निवासियों की मुश्किलें काफी कम कर देगा।