शहद और आंवला: थायरॉइड के लिए सही या मिथ?

यह लेख थायरॉइड के इलाज के लिए शहद और आंवला पाउडर के उपयोग के बारे में सोशल मीडिया पर किए गए दावों की सच्चाई की जांच करता है। सजग फैक्ट चेक टीम ने पाया कि इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और थायरॉइड डिसऑर्डर के लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। लेख में बताया गया है कि भारत में 40-42 मिलियन लोग थायरॉइड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं और इस समस्या से निपटने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।

Apr 18, 2025 - 17:56
शहद और आंवला: थायरॉइड के लिए सही या मिथ?

फैक्ट चेक: क्या शहद और आंवला पाउडर थायरॉइड के इलाज में कारगर हैं?

आजकल थायरॉइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और कई लोगों को जीवन भर दवाएं खानी पड़ती हैं। ऐसे में, कुछ लोग घरेलू उपचारों की ओर रुख करते हैं। सोशल मीडिया पर आंवला पाउडर और शहद के सेवन को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। सजग फैक्ट चेक टीम ने इन दावों की सच्चाई जानने के लिए एक जांच की है, ताकि लोग अपनी सेहत के बारे में सही जानकारी रख सकें।

मुख्य बातें:

  • दावा: शहद और आंवला पाउडर थायरॉइड को संतुलित करते हैं।
  • जांच: डॉक्टर ने इस दावे को गलत बताया है।


भारत में लगभग 40-42 मिलियन लोग थायरॉइड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। यह समस्या महिलाओं में अधिक आम है, लेकिन अब बच्चों में भी देखी जा रही है। इसलिए, थायरॉइड को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। सोशल मीडिया पर कई घरेलू उपचार उपलब्ध हैं, जिनमें से एक शहद और आंवला पाउडर का सेवन है। इस दावे के अनुसार, इन दोनों सामग्रियों को रोज सुबह खाने से थायरॉइड ग्रंथि सक्रिय हो जाती है और जल्द ही फायदा दिखने लगता है। इस दावे की सच्चाई जानने के लिए गहन जांच की गई है।

शहद और आंवला पाउडर की समान मात्रा:

इस दावे में शहद और आंवला पाउडर को बराबर मात्रा में लेने की सलाह दी गई है। पोस्ट के अनुसार, 1 चम्मच आंवला पाउडर और 1 चम्मच शहद मिलाकर रोज सुबह खाली पेट खाना चाहिए। यह नुस्खा इम्युनिटी में सुधार करने का भी दावा करता है।

एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी:

गुरुग्राम के मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में एसोसिएट कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन डॉ. सुनील सेखरी बताते हैं कि आंवले में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी होता है, जबकि शहद में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। हालांकि, उनका कहना है कि थायरॉइड को ठीक करने का दावा सही नहीं है।

वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव:

डॉक्टर सेखरी के अनुसार, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। थायरॉइड डिसऑर्डर एक जटिल हार्मोनल असंतुलन है, जिसके लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। बिना चिकित्सा उपचार के इस समस्या को ठीक करना मुश्किल है।

निष्कर्ष:

विशेषज्ञों का कहना है कि थायरॉइड होने पर डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है। नियमित निगरानी और जीवनशैली में बदलाव जरूरी हैं। प्राकृतिक उपचार स्वास्थ्य के लिए अच्छे हो सकते हैं, लेकिन वे दवाओं का विकल्प नहीं हैं। इसलिए, सजग फैक्ट चेक टीम ने इस दावे को गलत पाया है।