सीतामढ़ी: मृत शिक्षकों से भी अटेंडेंस का जवाब मांग रहा शिक्षा विभाग
बिहार के सीतामढ़ी जिले में शिक्षा विभाग ने 1522 शिक्षकों के 18 मार्च, 2025 को हाजिरी न बनाने पर जवाब तलब किया है, जिसमें मृत और सेवानिवृत्त शिक्षक भी शामिल हैं। डीईओ ने 24 घंटे में जवाब मांगा है, अन्यथा वेतन रोकने की चेतावनी दी है। शिक्षक संघ ने पोर्टल की समस्या बताई है, जबकि डीपीओ ने सूची को संशोधित करने का आश्वासन दिया है।

यह खबर सुनकर अटपटा लगना स्वाभाविक है कि एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों ने हाजिरी नहीं बनाई। सीतामढ़ी जिले में वास्तव में 1522 शिक्षक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित थे। शिक्षकों की इस सामूहिक अनुपस्थिति को विभाग ने गंभीरता से लिया है और डीएम को रिपोर्ट भेजी है, जिसके बाद डीईओ ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है।
डीईओ प्रमोद कुमार साहू ने सभी शिक्षकों को भेजे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि ई-शिक्षा कोश ऐप के माध्यम से प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। इस नियम का उल्लंघन करते हुए 18 मार्च को शिक्षकों द्वारा हाजिरी न बनाना एक गंभीर मामला है। डीईओ ने 1525 शिक्षकों को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है, अन्यथा उनका वेतन बंद कर दिया जाएगा और विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।
मामले में एक और मोड़ तब आया जब पता चला कि हाजिरी न बनाने वाले शिक्षकों की सूची में कुछ मृत और सेवानिवृत्त शिक्षक भी शामिल हैं। इसका मतलब है कि विभाग ने मृतकों से भी जवाब मांगा है। उदाहरण के तौर पर, रीगा प्रखंड के मध्य विद्यालय, रीगा मिल के शिक्षक शशिशेखर प्रसाद सिंह का निधन छह महीने पहले हो चुका है, और मध्य विद्यालय, भोरहा हिंदी के शिक्षक श्रीरामा का निधन छह फरवरी को हुआ था। इसी तरह, बाजपट्टी प्रखंड के एसआरपीएन हाई स्कूल, बाजपट्टी के शिक्षक मनोज कुमार की मृत्यु 1 जनवरी, 2025 को हो गई थी, और इसी स्कूल के शिक्षक विजय कुमार साह का स्थानांतरण डुमरा स्थित बीईपी से बेगूसराय हो चुका है।
डीईओ द्वारा जारी सूची के अनुसार, बैरगनिया प्रखंड के 71, बाजपट्टी के 124, बथनाहा के 91, बेलसंड के 63, बोखड़ा के 73, चोरौत के 48, डुमरा के 151, मेजरगंज के 43, नानपुर के 71, परिहार के 119, परसौनी के 61, पुपरी के 98, रीगा के 93, रुन्नीसैदपुर के 181, सोनबरसा के 111, सुप्पी के 33 और सुरसंड प्रखंड के 77 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
प्रारंभिक शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि रंजन सुमन ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ई-शिक्षा पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है। कई शिक्षकों ने समय पर अपनी उपस्थिति और प्रस्थान दर्ज किया था, फिर भी उनके नाम सूची में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पोर्टल पर कई शिक्षकों के आगमन का समय दर्ज है और यह शिक्षकों के आईडी पर प्रदर्शित भी हो रहा है, इसलिए शिक्षकों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने नेटवर्क की समस्या और मोबाइल चार्जिंग जैसी समस्याओं का भी उल्लेख किया, जिनसे शिक्षकों को जूझना पड़ता है।
डीपीओ स्थापना सुभाष कुमार ने मीडिया को बताया है कि मृत या स्थानांतरित शिक्षकों की जानकारी हेडमास्टर को देनी होती है, ताकि पोर्टल पर रिकॉर्ड को संशोधित किया जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि सूची को संशोधित किया जाएगा और जिन शिक्षकों ने पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज कराई है, लेकिन फिर भी उनका नाम सूची में शामिल है, उनके मामलों को भी ठीक किया जाएगा।