सीरिया में भीषण संघर्ष: असद समर्थकों और सरकार के बीच लड़ाई में 180 से अधिक की मौत
सीरिया में असद समर्थकों और सरकार के बीच भीषण संघर्ष जारी है, जिसमें दो दिनों में 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। सरकार का कहना है कि असद के वफादार लड़ाकों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिसके बाद हिंसा शुरू हुई। वहीं, सुरक्षाबलों पर रिहाइशी इलाकों पर बमबारी करने का आरोप है। इस हिंसा पर सऊदी अरब, तुर्की, रूस, ईरान और संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी 180 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

सरकार का कहना है कि असद के वफादार लड़ाकों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। वहीं, सुरक्षाबलों पर रिहाइशी इलाकों पर बमबारी करने के आरोप लगे हैं। दिसंबर में बशर अल असद को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद यह सबसे भीषण हिंसक झड़प है। इस हिंसा पर सऊदी अरब, तुर्की, रूस, ईरान और संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है।
पश्चिमी सीरिया में स्थिति तनावपूर्ण: सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी सीरिया के तटीय क्षेत्र में अलवी समुदाय के लड़ाकों को काबू करने के लिए सीरियाई सुरक्षाबलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) ने इस हिंसा में 180 लोगों की मौत की पुष्टि की है। यह इलाका अलवी समुदाय का गढ़ माना जाता है, और पूर्व राष्ट्रपति असद भी इसी समुदाय से हैं। असद को पिछले साल दिसंबर में अल जुलानी के नेतृत्व में HTS ने सत्ता से बेदखल कर दिया था, और वे फिलहाल रूस में शरण लिए हुए हैं।
आरोप-प्रत्यारोप: सीरियाई अधिकारियों का कहना है कि हिंसा तब शुरू हुई जब असद के वफादार लड़ाकों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया। असद समर्थक मिलिशिया समूहों ने जबलेह क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा गश्ती दल और चौकियों को निशाना बनाया। जवाब में, सुरक्षाबलों ने अलावी समुदायों के गांवों में बमबारी की।
अलवी मौलवियों के समूह, अलवी इस्लामिक काउंसिल ने सरकार पर हिंसा का आरोप लगाते हुए कहा कि सीरियाई लोगों को आतंकित किया जा रहा है। काउंसिल ने अलावी क्षेत्र को संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में रखने की मांग की है।