नेपाल में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती, सरकार का कड़ा रुख

नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बाद ओली सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा घटा दी है और नुकसान की वसूली का नोटिस भेजा है। काठमांडू नगर निगम ने सात लाख नेपाली रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। प्रदर्शनों के दौरान दो लोगों की मौत हो गई और 110 घायल हो गए। सरकार ने ज्ञानेंद्र शाह की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने अपने नेताओं की रिहाई की मांग की है। सरकार मानती है कि राजशाही समर्थकों और पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की गतिविधियों के पीछे ज्ञानेंद्र शाह का हाथ है।

Mar 30, 2025 - 19:05
नेपाल में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती, सरकार का कड़ा रुख
काठमांडू: नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बाद, केपी ओली सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। काठमांडू नगर निगम ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को नुकसान की वसूली के लिए नोटिस भेजा है। सरकार ने उनकी सुरक्षा कम कर दी है और निगरानी बढ़ा दी है। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी है।

शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा घटा दी है। राजशाही समर्थकों के प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसमें पथराव, पार्टी कार्यालय पर हमले, लूटपाट और आगजनी शामिल थी। ज्ञानेंद्र शाह के आवास से 9 सुरक्षाकर्मी हटाए गए हैं, जिससे उनकी सुरक्षा 25 से घटकर 16 हो गई है। राजशाही समर्थक नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं।

हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह से की जाएगी। काठमांडू नगर पालिका ने उन्हें सात लाख नेपाली रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है, जिसे जल्द भरने को कहा गया है। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने व्यापारिक परिसरों, रेस्तरां, अस्पतालों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 110 घायल हो गए।

नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा टीम में बदलाव किया गया है और उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। नेपाली कांग्रेस ने ज्ञानेंद्र शाह को हिंसक घटनाओं का जिम्मेदार ठहराया है। सरकार मानती है कि राजशाही समर्थकों और पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की गतिविधियों के पीछे ज्ञानेंद्र शाह का हाथ है। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने अपने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग की है और सरकार को 24 घंटे में रिहा न करने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।