माइक्रो वेडिंग: कम बजट में यादगार शादी का नया ट्रेंड
माइक्रो वेडिंग एक छोटे स्तर पर आयोजित की जाने वाली शादी है, जिसमें 20-50 मेहमान शामिल होते हैं। कोरोना महामारी के बाद लोगों ने इसे खूब पसंद किया है, क्योंकि यह सुरक्षित और कम तनाव वाला विकल्प है। इसमें पारंपरिक शादियों की तुलना में खर्च भी कम होता है, जिससे दूल्हा-दुल्हन अपने करीबियों के साथ क्वालिटी टाइम बिता पाते हैं। इसे बीच, गार्डन या घर जैसे अनोखे लोकेशन पर आयोजित किया जा सकता है।

माइक्रो वेडिंग एक ऐसा विवाह है जिसमें कम लोगों के साथ छोटे पैमाने पर खास और निजी उत्सव मनाया जाता है। यह छोटे स्तर पर आयोजित होने वाली शादी है, जिसमें लगभग 20 से 50 मेहमान शामिल होते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान सामाजिक दूरी और प्रतिबंधों ने लोगों को छोटे आयोजनों की ओर प्रेरित किया। पारंपरिक शादियों में लाखों रुपये खर्च होते हैं, जबकि माइक्रो वेडिंग में भोजन, सजावट और स्थल का खर्च काफी कम हो जाता है। कम लोगों के साथ जश्न मनाने से दूल्हा-दुल्हन अपने करीबियों के साथ अच्छा समय बिता पाते हैं। छोटी शादी होने के कारण इसे बीच, बगीचे, छत या पारिवारिक घर जैसे अनोखे स्थानों पर आयोजित किया जा सकता है। बड़ी शादियों में महीनों पहले से योजना और प्रबंधन की चिंता रहती है, लेकिन माइक्रो वेडिंग में कम लोगों के कारण व्यवस्था कम करनी होती है, जिससे तनाव-मुक्त शादी की योजना बनती है। कम मेहमानों के कारण भोजन की बर्बादी, सजावट की बर्बादी और यात्रा प्रदूषण कम होता है, जो इस शादी को पर्यावरण के लिए बेहतर बनाता है।