मायावती की चुनौतियां: आंतरिक कलह और बाहरी खतरे

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बसपा प्रमुख मायावती के नेतृत्व में पार्टी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। हाल के दिनों में मायावती के फैसलों और बयानों में चिंता और असुरक्षा की भावना झलकती है। पार्टी के भीतर चल रही हलचल और बाहर के खतरों को लेकर वे सोशल मीडिया और बयानों के माध्यम से मुखर हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को पार्टी के कार्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और दलितों का नेतृत्व करने का दावा करने वाले अन्य दलों से सावधान रहने की सलाह दी है।

Mar 19, 2025 - 11:03
मायावती की चुनौतियां: आंतरिक कलह और बाहरी खतरे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2007 में मिली जीत के बाद लगातार हार का सामना करने के बावजूद, पार्टी की नीतियां और निर्णय स्थिर रहे हैं।

हालांकि, हाल के कुछ महीनों में बसपा के भीतर काफी हलचल देखी जा रही है। बसपा प्रमुख मायावती के फैसलों और बयानों में चिंता और असुरक्षा की भावना झलकती है। राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि बसपा नेतृत्व किन आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से परेशान है।

मीडिया से दूरी बनाए रखने वाली मायावती आजकल सोशल मीडिया, बयानों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पार्टी के अंदर के सवालों और बाहर के खतरों पर खुलकर बात कर रही हैं। उन्होंने पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को बसपा सरकार के कार्यों को नई पीढ़ी को बताने और उन्हें आंदोलन के लिए तैयार करने की सलाह दी है।

मायावती ने दलितों का नेतृत्व करने का दावा करने वाले अन्य दलों से सावधान रहने को भी कहा है। उनका यह बयान चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी के हालिया प्रदर्शन के बाद आया है।