महाराष्ट्र में बड़ा सियासी खेल: फडणवीस या शिंदे, किसे मिलेगा ताज और किस पर मंडराएगा खतरा
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच हुई मुलाकात ने कई अटकलों को जन्म दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मुलाकात में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के संकेत दिए गए। इसे लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच सत्ता संतुलन की चर्चा जोरों पर है।

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच हुई मुलाकात ने कई अटकलों को जन्म दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मुलाकात में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के संकेत दिए गए। इसे लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच सत्ता संतुलन की चर्चा जोरों पर है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। शिंदे और शाह के बीच हुई इस बैठक को भाजपा की आगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इस कदम से पार्टी महाराष्ट्र में अपने आधार को और मजबूत करना चाहती है। फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने की अटकलें इस दिशा में एक बड़ा संकेत हो सकता है।
भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के गठबंधन के बीच पिछले साल हुए घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा दी थी। शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन हाल ही में बढ़ते राजनीतिक दबाव और आगामी चुनावों के मद्देनजर भाजपा के रणनीतिकारों ने नए समीकरण तैयार करने शुरू कर दिए हैं।
इस मुलाकात के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं के बीच हलचल तेज हो गई है। हालांकि, एकनाथ शिंदे ने इसे एक सामान्य बैठक करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को संभावित बदलाव का संकेत माना जा रहा है।
आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा महाराष्ट्र में सत्ता संरचना को और मजबूत करना चाहती है। देवेंद्र फडणवीस का अनुभव और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी उन्हें नेतृत्व सौंपने का मन बना सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित होगा।