Success Story: पिता का उठा साया, मां ने हिम्मत बढ़ाया, सेल्फ स्टडी से क्रैक की UPSC, AIR-2 से बनीं IAS
UPSC Success Story: आईएएस गरिमा लोहिया की कहानी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हर उम्मीदवार के लिए एक प्रेरणा है, जन्होंने पिता को खोने के बाद भी उनके सपने को पूरा किया. मां की मदद से यूपीएससी सीएसई क्रैक कर अधिकारी बनीं.
यूपीएससी जैसी चुनौतीपूर्ण परीक्षा हर साल अनगिनत सपनों की कसौटी बनती है, लेकिन सिर्फ चुनिंदा ही विजेता बनकर निकलते हैं. आज हम आपको एक ऐसी जांबाज़ लड़की की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसने कम उम्र में पिता को खो दिया, जिंदगी बिखर गई, हालात बदले, लेकिन उसका जज़्बा नहीं टूटा. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उसने सपनों को थामे रखा और आखिरकार यूपीएससी फतह कर IAS बनने का सपना सच कर दिखाया. उनकी यह कहानी हर उस युवा के दिल को छू जाएगी जो संघर्षों के बीच सपनों को जिंदा रखता है.
IAS गरिमा लोहिया
यह प्रेरक कहानी बिहार के बक्सर जिले की बेटी गरिमा लोहिया की है, जो एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं. उनके पिता बक्सर में कपड़ों का होलसेल बिजनेस करते थे और दिल में एक ही तमन्ना थी—बेटी को एक दिन बड़ा अधिकारी बनते देखना. किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था, तभी 2015 में अचानक हार्ट अटैक ने उनके पिता को उनसे छीन लिया. कम उम्र में पिता का साया उठना गरिमा के लिए किसी भूचाल से कम नहीं था, लेकिन मां के हौसले और परिवार की उम्मीदों ने उन्हें टूटने नहीं दिया.
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
गरिमा ने अपनी स्कूली पढ़ाई बक्सर से की और 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया. यहां उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया, लेकिन इसी बीच कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के चलते उन्हें मजबूरन अपने घर लौटना पड़ा. हालात कठिन थे, पर सपनों पर उनका भरोसा अटल रहा.
पहले अटेंप्ट में रही असफल
घर वापस पहुंचकर भी गरिमा ने तैयारी जारी रखी. उन्होंने कोचिंग की कमी को कमजोरी नहीं बनने दिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म व यूट्यूब की मदद से पढ़ाई शुरू कर दी. देर रात तक पढ़ाई करते समय उनकी मां भी उनके साथ जगकर उनका हौसला बढ़ाती रहीं. सीमित स्टडी मटेरियल और गाइडेंस की कमी के चलते उनका पहला प्रयास असफल रहा, लेकिन गरिमा ने इसे हार नहीं, सीख माना और आगे बढ़ने का फैसला किया.
दूसरे अटेंप्ट में हासिल की रैंक-2
पहले प्रयास की गलतियों ने गरिमा को नए सिरे से तैयारी करने का आत्मविश्वास दिया. उन्होंने अपनी रणनीति बदली, पढ़ाई का तरीका बदला और पूरे समर्पण के साथ दोबारा UPSC की लड़ाई में उतर पड़ीं. साल 2022 में दिए गए दूसरे अटेंप्ट में उन्होंने इतिहास रच दिया. गरिमा ने ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल कर पूरे देश को चौंका दिया और साबित किया कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, हिम्मत न हारने वाले ही विजेता कहलाते हैं. इसी शानदार जीत के साथ उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया और सफलता का पूरा श्रेय अपनी मां के त्याग और प्रेम को दिया.