नेपाल में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर से बवाल

नेपाल की राजधानी काठमांडू में पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत में आयोजित राजशाही समर्थक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। रैली का उद्देश्य नेपाल में राजशाही की बहाली के लिए समर्थन प्रदर्शित करना था। ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ योगी आदित्यनाथ की तस्वीर दिखाए जाने की विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया पर आम जनता ने भी कड़ी आलोचना की। आरपीपी प्रवक्ता ज्ञानेंद्र शाही ने आरोप लगाया कि आदित्यनाथ की तस्वीर का प्रदर्शन केपी ओली के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राजशाही समर्थक आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास है।

Mar 11, 2025 - 09:27
नेपाल में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर से बवाल
काठमांडू, पीटीआई। नेपाल की राजधानी में पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत में आयोजित एक राजशाही समर्थक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाए जाने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद ज्ञानेंद्र शाह (77 वर्ष) रविवार को पोखरा से सिमरिक एयर हेलीकॉप्टर में सवार होकर त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहां, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों समर्थकों ने उनके समर्थन में नारे लगाए। रैली का मुख्य उद्देश्य नेपाल में राजशाही की पुनर्स्थापना के लिए समर्थन जताना था। हवाई अड्डे के बाहर, सड़क के दोनों ओर ज्ञानेंद्र की तस्वीर और राष्ट्रीय ध्वज लिए मोटरसाइकिलों पर सवार होकर सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया। कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी प्रदर्शित की। हालांकि, ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ की तस्वीर दिखाए जाने पर विभिन्न राजनीतिक दलों और आम जनता ने कड़ी आपत्ति जताई। इस आलोचना के बाद, आरपीपी प्रवक्ता ज्ञानेंद्र शाही ने आरोप लगाया कि आदित्यनाथ की तस्वीर का प्रदर्शन केपी ओली के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राजशाही समर्थक आंदोलन को बदनाम करने का एक सोचा-समझा प्रयास था। शाही ने ओली सरकार पर इस कार्य को घुसपैठ के माध्यम से अंजाम देने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया कि प्रधानमंत्री केपी ओली के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल के निर्देश पर और ओली की सलाह पर रैली में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर प्रदर्शित की गई। हालांकि, रिमल ने इन आरोपों का खंडन किया।