म्यांमार में भूकंप का कहर: 334 परमाणु बमों जितनी ऊर्जा निकली, विशेषज्ञ ने दी और झटकों की चेतावनी

म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिससे 1,644 लोगों की जान गई। इस भूकंप ने 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा उत्पन्न की। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में और झटके आ सकते हैं। भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने बताया कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराने के कारण यह भूकंप आया। USGS के अनुसार, यह 1912 के बाद सबसे शक्तिशाली भूकंप था, जिसके बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जेम्स जैक्सन ने इसे धरती के टुकड़े के टूटने जैसा बताया।

Mar 30, 2025 - 19:16
म्यांमार में भूकंप का कहर: 334 परमाणु बमों जितनी ऊर्जा निकली, विशेषज्ञ ने दी और झटकों की चेतावनी
नेपीडा: म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है।

भूकंप के झटकों से कई इमारतें जमींदोज हो गईं और सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं। इस भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा उत्पन्न की। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में म्यांमार और आसपास के देशों में भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं, जिससे जान-माल का और अधिक नुकसान हो सकता है।

भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने बताया कि इस भूकंप में 334 परमाणु बमों जितनी ऊर्जा थी, जिसने धरती को हिलाकर रख दिया। म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध और संचार व्यवस्था ठप होने के कारण नुकसान का सही अनुमान लगाना मुश्किल है। राहत और बचाव कार्य में भी कठिनाई आ रही है। फीनिक्स का कहना है कि भूकंप के बाद कई महीनों तक झटके महसूस किए जा सकते हैं, क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट, यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, यह 1912 के बाद म्यांमार में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। 7.7 तीव्रता के भूकंप के 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया। इस भूकंप से 1,600 से ज्यादा लोगों की जान गई है और स्थानीय अधिकारियों को डर है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भूकंप विज्ञानी जेम्स जैक्सन ने इसे धरती के टुकड़े के टूटने जैसा बताया है।