कैंसर को स्टेज 2 पर भी हराया जा सकता है: एक महिला की प्रेरणादायक कहानी

इस लेख में बताया गया है कि कैसे 44 वर्षीय एक महिला ने चार प्रमुख लक्षणों - पेट में तेज दर्द, अस्पष्टीकृत वजन घटना, थकान और मलाशय से खून बहना - को पहचानकर और उन पर कार्रवाई करके सफलतापूर्वक स्टेज 2बी कोलन कैंसर को मात दी। लेख में कैंसर के उपचार के परिणामों को बेहतर बनाने में शीघ्र पता लगाने और नियमित जांच के महत्व पर जोर दिया गया है।

Mar 21, 2025 - 22:32
कैंसर को स्टेज 2 पर भी हराया जा सकता है: एक महिला की प्रेरणादायक कहानी
न्यू जर्सी की 44 वर्षीय महिला, एलेन ग्रिफिन, छह बच्चों की मां, ने चार प्रमुख लक्षणों पर ध्यान देकर सफलतापूर्वक स्टेज 2बी कोलन कैंसर से लड़ाई जीती। 2024 के वसंत में निदान होने के बाद, वह शुरुआती पहचान और उपचार के कारण सितंबर 2024 तक कैंसर से मुक्त हो गई। लक्षण, हालांकि सामान्य थे, उन्होंने उसे तुरंत चिकित्सा सलाह लेने के लिए प्रेरित किया। इनमें भोजन के बाद पेट में तेज दर्द, अस्पष्टीकृत वजन घटना, लगातार थकान और मल में खून आना शामिल थे। समय पर पता लगाना और नियमित जांच सफल कैंसर उपचार की संभावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं।

कैंसर का इलाज होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस बीमारी का पता कब चला है। अगर शुरुआती स्टेज पर यह पकड़ ली जाए तो मरीज के ठीक होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। इसे जल्दी पकड़ने के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग और लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

महिला ने बताया कि उन्हें नाश्ता या खाने के बाद पेट में तेज दर्द होता था। शुरुआत में उन्हें लगा कि उम्र बढ़ने की वजह से शायद कुछ फूड इनटॉलरेंस हो गया है। मगर यह दर्द बहुत तेज था और ऐसा लगता था कि पेट के अंदर कोई कांच नुकसान कर रहा है।

उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 में उन्होंने 20 पाउंड कम हो गए। वो ना तो एक्सरसाइज कर रही थी और ना ही वेट लॉस करना चाहती थीं। इसके बाद उन्हें कुछ अजीब लगा और अच्छे अस्पताल में जाकर जांच करवाना सही समझा।

ग्रिफिन खुद को काफी एक्टिव और फुर्तीली बताती हैं। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें काफी थकान रहने लगी। कुछ सीढ़िया चढ़ने या उतरने या थोड़ा काम करने पर ही गंभीर थकान और कमजोरी महसूस होने लगती थी।

उन्होंने बताया कि पेट दर्द के साथ उन्हें ब्लोटिंग की समस्या रहती थी। हर वक्त पेट फूला हुआ रहता था। बैठने या खड़े होने में काफी दिक्कत होती थी और फिर मल में खून आने लगा। जो कि बिल्कुल सामान्य नहीं था।