अडानी पावर से सस्ती दर पर बिजली खरीदेगी यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में अडानी पावर से 5.38 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह समझौता 25 वर्षों के लिए होगा और सार्वजनिक क्षेत्र के संयंत्रों से भी सस्ती बिजली प्रदान करेगा। बैठक में, योगी कैबिनेट ने प्रदेश के विकास से जुड़े 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी। कैबिनेट ने वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए निवेशकों को जमीन खरीदने पर 50 फीसदी तक की छूट देने का भी निर्णय लिया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा की मांग को पूरा करने और उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। सरकार 1600 मेगावाट पावर प्लांट से बिजली खरीदेगी।

बैठक में, योगी कैबिनेट ने प्रदेश के विकास से जुड़े कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इन प्रस्तावों में अडानी पावर लिमिटेड के साथ बिजली खरीद समझौता भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए निवेशकों को जमीन खरीदने पर 50 फीसदी तक की छूट देने का भी निर्णय लिया है।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा की मांग को पूरा करने और उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। सरकार 1600 मेगावाट पावर प्लांट से बिजली खरीदेगी, लेकिन यह बिजली तभी खरीदी जाएगी जब प्लांट उत्तर प्रदेश में स्थापित होगा।
जुलाई 2024 में, सरकार ने रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन जारी किया था, जिसमें 7 कंपनियों ने भाग लिया। इनमें से 5 कंपनियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में हिस्सा लिया। निगोशिएन के बाद, अडानी पावर ने फिक्स्ड चार्ज में 3.727 रुपये प्रति यूनिट और फ्यूल चार्ज में 1.656 रुपए प्रति यूनिट समेत कुल 5.38 प्रति यूनिट की सबसे कम बिड पेश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसी टैरिफ पर 25 वर्षों की अवधि के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) हस्ताक्षरित किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि अडानी पावर ने पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र के साथ भी इसी प्रकार का समझौता किया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के साथ हुई डील उससे भी सस्ती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के पावर प्लांट्स से भी यह बिजली सस्ती पड़ेगी। अनुमान है कि 2030-31 में जब पावर प्लांट तैयार होगा, तब भी टैरिफ 6.10 रुपए प्रति यूनिट होगा, जो सार्वजनिक संयंत्रों की बिजली से सस्ता होगा।
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश ट्रांसफर पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी दी गई है, जो 15 मई से 15 जून तक लागू रहेगी। इसके तहत, राज्य कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जाएंगे। जिले में तीन साल और मंडल में सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को ट्रांसफर की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। समूह 'क' और 'ख' के 20 फीसदी अधिकारियों और समूह 'ग' और 'घ' के 10 प्रतिशत कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जाएंगे।
कैबिनेट ने परिवहन विभाग के उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 से जुड़े प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इसके तहत दो एकड़ जमीन में बस अड्डा बनाया जाएगा, जिसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। बस स्टैंड शहर से पांच किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश नगर निगम पार्किंग नियमावली को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत पीपीपी मॉडल पर पार्किंग, मल्टीलेवल पार्किंग और निजी भूमि पर पार्किंग बनाई जा सकेगी। पहले चरण में यह सुविधा 17 नगर निगमों में उपलब्ध होगी। पार्किंग स्थल पर ई-चार्जिंग और गाड़ी सफाई की व्यवस्था भी होगी। किराया नगर निगम तय करेगा। उत्तर प्रदेश वैश्विक क्षमता केंद्र नीति-2024 को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।