चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच वार्ता, भारत की अहम भूमिका

मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच चागोस द्वीपसमूह को लेकर वार्ता चल रही है, जिसमें मॉरीशस अपनी संप्रभुता बहाल करने के लिए समझौते की शर्तों पर पुनर्विचार करने पर जोर दे रहा है। विदेश मंत्री रामफल ने भारत और अमेरिका सहित सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में एक निर्णायक समझौते की आवश्यकता पर बल दिया है। चागोस मुद्दे पर ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच समझौते में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि दोनों देशों के हिंद महासागर में सुरक्षा के मामले में समान हित हैं। प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के बीच इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है।

Mar 12, 2025 - 11:39
चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच वार्ता, भारत की अहम भूमिका
मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच चागोस द्वीपसमूह को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। मॉरीशस की नई सरकार इस क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता स्थापित करने के लिए समझौते की शर्तों पर फिर से विचार करने पर जोर दे रही है। मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफल का कहना है कि सरकार ऐसा समझौता चाहती है जो भारत और अमेरिका समेत सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद हो।

धनंजय रामफल ने कहा कि चागोस के स्थायी समाधान के लिए समझौता होना सभी देशों के हित में है। उन्होंने डिएगो गार्सिया में चल रहे सैन्य ठिकाने के संबंध में स्थिरता लाने की बात कही। इस समझौते पर शुरुआती बातचीत मॉरीशस में आम चुनावों से पहले हुई थी। रामफल ने कहा कि उनकी सरकार इस समझौते पर नए सिरे से विचार करना चाहती है क्योंकि वे चागोस पर अपनी संप्रभुता चाहते हैं।

रामफल ने कहा कि इस बातचीत में हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जा रहा है, खासकर डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डे के संचालन को लेकर। उनके अनुसार, चागोस के मुद्दे पर ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच समझौते में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में सुरक्षा के मामले में भारत और मॉरीशस के हित समान हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 मार्च को पोर्ट लुई में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ बातचीत करेंगे, जिसमें चागोस का मुद्दा भी उठ सकता है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा था कि चागोस मुद्दे को संबंधित पक्षों के बीच सुलझा लिया जाएगा। रामफल ने मॉरीशस पर विदेशी प्रभाव की चिंताओं के बीच चीन के बारे में मॉरीशस के रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के आसपास कोई चीनी नौसैनिक अड्डा नहीं है और चीन आर्थिक और व्यापारिक मामलों में अधिक रुचि रखता है।

चागोस द्वीपसमूह 1968 में मॉरीशस की आजादी के बाद से विवाद का केंद्र रहा है, क्योंकि इस पर अब भी ब्रिटेन का नियंत्रण है। बाद में, ब्रिटेन ने डिएगो गार्सिया को अमेरिका को पट्टे पर दे दिया, जहाँ अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा बनाया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चागोस द्वीपसमूह में अमेरिका और ब्रिटेन के सैन्य ठिकाने के भविष्य को लेकर मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच समझौते का समर्थन किया था। चागोस द्वीपसमूह हिंद महासागर में 60 से अधिक द्वीपों की सात श्रृंखलाएं हैं।