बलूचिस्तान में आजादी की मांग: BLA का हिंसक विद्रोह
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) बलूचिस्तान का सबसे मजबूत विद्रोही समूह है, जो पाकिस्तान से आजादी चाहता है। इस संगठन ने हाल के महीनों में अपने हमलों को तेज कर दिया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना और चीनी नागरिक निशाने पर आए हैं। बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के गैस और खनिज संसाधनों का शोषण करती है। 2022 में, बीएलए ने कई हमलों से सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया, जिसमें महिला आत्मघाती हमलावरों का इस्तेमाल भी शामिल था। बलूचिस्तान, चीन के सीपीईसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यहां 1948 से ही आजादी की मांग उठ रही है।

हालांकि पहले बीएलए कम सक्रिय था, लेकिन हाल के महीनों में उसने हमलों को तेज कर दिया है, जिससे पाकिस्तानी सेना और चीनी नागरिक निशाने पर आए हैं।
बीएलए का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम प्रांत बलूचिस्तान को स्वतंत्र कराना है। यह प्रांत अफगानिस्तान और ईरान से सटा हुआ है। बीएलए का आरोप है कि सरकार बलूचिस्तान के गैस और खनिज संसाधनों का शोषण करती है।
2022 में, बीएलए ने सेना और नौसेना के ठिकानों पर हमले करके सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। उसने महिला आत्मघाती हमलावरों को तैयार किया और कराची विश्वविद्यालय में चीनी नागरिकों पर हमला किया।
बीएलए अक्सर बलूचिस्तान में बुनियादी ढांचे और सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है, जिसमें ग्वादर बंदरगाह भी शामिल है। बीएलए, चीन पर इस्लामाबाद के साथ मिलकर बलूचिस्तान का शोषण करने का आरोप लगाता है।
बलूचिस्तान, चीन के 60 अरब डॉलर के सीपीईसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 1948 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद से ही बलूच एक अलग देश की मांग कर रहे हैं।