मणिपुर में शांति प्रयासों के बीच, लूटे गए हथियार जमा कराए गए
मणिपुर में जातीय संघर्ष के बीच गृह मंत्रालय शांति बहाल करने की कोशिश कर रहा है। अमित शाह के निर्देशों के बाद भी कांगपोकपी जिले में हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण फ्री मूवमेंट शुरू नहीं हो सका। सरकारी अपील के बाद 13 हजार से अधिक हथियार सरेंडर किए गए हैं, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है। राज्यपाल अजय भल्ला ने लूटे हुए हथियार जमा करने की अपील की थी, जिसके बाद 13,123 हथियार जमा कराए गए। कुकी-जो समुदाय केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर रहा है। पुलिस-प्रशासन मुक्त आवाजाही शुरू कराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

राज्य में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्यपाल अजय भल्ला ने लोगों से लूटे हुए हथियार जमा करने की अपील की थी, जिसके बाद 13,123 हथियार और गोला-बारूद जमा कराए गए। इनमें रायफल, पिस्तौल, हैंड ग्रेनेड, बम और आईईडी शामिल हैं। सबसे अधिक हथियार इंफाल ईस्ट और वेस्ट जिले में जमा हुए।
फ्री मूवमेंट के विरोध में कुकी-जो समुदाय केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर रहा है और इसके लिए पंफलेट बांटकर वोटिंग करा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुकी बहुल इलाकों में सड़क मार्ग को बंद करने के लिए पत्थर फेंके जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन लोगों की सुरक्षा के साथ मुक्त आवाजाही शुरू कराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। पुलिस का कहना है कि मणिपुर में हालात कंट्रोल में हैं, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है।