स्वरा भास्कर: फहद से शादी, बेटी को रामायण का पाठ, परवरिश का यूनिक अंदाज
स्वरा भास्कर ने अपनी बेटी राबिया की परवरिश के बारे में बताया है कि वह उसे कैसे पाल रही हैं। उन्होंने रामायण और महाभारत की कहानियों के माध्यम से उसे अपनी संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। स्वरा ने फहद अहमद से शादी की है, और वे अपनी बेटी को सभी धर्मों के रीति-रिवाजों का सम्मान करना सिखा रही हैं। स्वरा का मानना है कि बच्चों को अपनी संस्कृति और धर्म का ज्ञान होना चाहिए, ताकि वे गलत रास्ते पर न जाएं। श्रीकृष्ण और भगवान राम की कहानियों के माध्यम से बच्चों को सही मार्गदर्शन मिल सकता है।

एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और फहद अहमद की बेटी राबिया की परवरिश को लेकर स्वरा ने हाल ही में अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि वे अपनी बेटी को एक विशेष तरीके से पाल रही हैं, जिससे वह खुले विचारों वाली बन सके।
स्वरा ने बताया कि उनकी शादी 2023 में फहद अहमद से हुई थी, और उसी साल उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया। चूंकि यह एक इंटरफेथ मैरिज थी, इसलिए लोगों को यह जानने में दिलचस्पी थी कि स्वरा अपनी बेटी का पालन-पोषण कैसे करेंगी। स्वरा ने अपनी बेटी का नाम राबिया रखा है, जो अब लगभग डेढ़ साल की हो चुकी है।
स्वरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह अपनी बेटी की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। उन्होंने एक ऐसा तरीका अपनाया है, जो उनकी बेटी को खुले विचारों वाले माहौल में बढ़ने में मदद करेगा।
स्वरा ने 'द सुवीर सरन शो' पर बताया कि जब वह छोटी थीं, तो खाना खाने में बहुत नखरे करती थीं। उनके पिता उन्हें रामायण और महाभारत की कहानियाँ सुनाते थे, लेकिन कहानियों को अक्सर क्लाइमेक्स पर ही छोड़ देते थे। जब स्वरा अपने पिता से पूछती थीं कि आगे क्या हुआ, तो वह उससे पहले खाना खाने के लिए कहते थे। स्वरा ने कहा कि बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में बताने का यह एक बहुत ही सुंदर तरीका है, और वह भी अपनी बेटी को ऐसे ही बड़ा करेंगी।
स्वरा ने यह भी बताया कि जब उनकी बेटी बीमार होती है, तो वह अपने पति फहद से दुआ पढ़ने के लिए कहती हैं, ताकि उनकी बेटी को हर धर्म के रीति-रिवाजों का सुकून मिल सके। स्वरा का मानना है कि बच्चों को अपनी संस्कृति और धर्म का ज्ञान होना चाहिए, ताकि वे गलत रास्ते पर न जाएं। श्रीकृष्ण और भगवान राम की कहानियों के माध्यम से बच्चों को सही रास्ते पर चलने और जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए हिम्मत और मार्गदर्शन दोनों दिए जा सकते हैं।