सिंगरौली: तहसीलदार पर रिश्वत का आरोप, ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत
सिंगरौली जिले के बसौड़ा गांव के ग्रामीणों ने नायाब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी पर 65 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। जमीन का काम न होने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर से जनसुनवाई में पैसा वापस दिलाने की गुहार लगाई। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जमीन के काम के लिए तहसीलदार को 65 हजार रुपये दिए थे, लेकिन काम नहीं हुआ। अब वे डीएम से अपना पैसा वापस दिलाने या काम करवाने की गुहार लगा रहे हैं।नायब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी ने जमीन का काम करने के लिए 65 हजार रुपये की मांग की थी। ग्रामीणों ने 45 हजार रुपये नायब तहसीलदार के कमरे पर जाकर दिए। बाकी 20 हजार रुपये तहसीलदार के ड्राइवर को दिए गए। रिश्वत देने के बाद भी काम नहीं हुआ। इसलिए ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की।

बसौड़ा गांव के लगभग 50 लोगों ने जिला मजिस्ट्रेट (DM) से नायब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जमीन के काम के लिए तहसीलदार को 65 हजार रुपये दिए, लेकिन काम नहीं हुआ। अब वे DM से अपना पैसा वापस दिलाने या काम करवाने की गुहार लगा रहे हैं।
बसौड़ा गांव के लोगों ने कलेक्टर से कहा कि उन्होंने नायाब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी को जमीन का बंटवारा कराने के लिए 65 हजार रुपये रिश्वत दी, फिर भी काम नहीं हुआ। उन्होंने कलेक्टर से अपना पैसा वापस दिलाने का अनुरोध किया।
नायब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी ने जमीन का काम करने के लिए 65 हजार रुपये की मांग की थी। ग्रामीणों ने 45 हजार रुपये नायब तहसीलदार के कमरे पर और 20 हजार रुपये तहसीलदार के ड्राइवर को दिए, लेकिन काम नहीं हुआ। इसलिए ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की।
सिंगरौली जिले के खुटार वित्त के नायब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में रहते हैं। इस बार वे रिश्वत लेने के आरोप में सुर्खियों में हैं। रामगोपाल पाल ने बताया कि नायब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी ने 65 हजार रुपये लिए, फिर भी उनके परिवार की जमीन का काम नहीं किया गया।
कलेक्टर ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।