बिहार: तांत्रिक के खौफनाक कांड का खुलासा, दो लाशें और दोनों सिरकटी
औरंगाबाद के मदनपुर में अंधविश्वास के चलते एक बुजुर्ग की नरबलि दी गई। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार है। यह नरबलि संतान प्राप्ति के लिए की गई थी। जांच में पता चला कि तांत्रिक ने 2024 में भी एक लड़के की बलि चढ़ाई थी। पुलिस ने रामाशीष के साले धर्मेंद्र को हिरासत में लिया, जिससे हत्याकांड का खुलासा हुआ। रामाशीष ने सुधीर पासवान की पत्नी को बच्चा न होने पर नरबलि का सुझाव दिया था। जुलाई 2024 में भी एक नाबालिग की बलि दी गई थी, जिसमें रामाशीष शामिल था।

मदनपुर थाना क्षेत्र के गुलाब बिगहा में होलिका दहन के स्थल से एक व्यक्ति का धड़ बरामद हुआ था, लेकिन उसका सिर गायब था। पुलिस जांच में पता चला कि वह धड़ युगल यादव का था, जो होलिका दहन के दिन से लापता थे।
पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल ने एक विशेष टीम गठित की, जिसने छानबीन शुरू की। टीम को पूर्णाडीह गांव के पास होलिका दहन सामग्री से अपहृत व्यक्ति की हड्डी मिली। इसके बाद, पुलिस ने घटनास्थल से अपहृत व्यक्ति की चप्पल और पास की पुलिया पर खून के निशान पाए। ये निशान रामाशीष रिकियासन के घर से जुड़ते थे, लेकिन रामाशीष फरार हो गया।
पुलिस ने रामाशीष के साले धर्मेंद्र रिकियासन को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिससे हत्याकांड का खुलासा हुआ। धर्मेंद्र की निशानदेही पर अपहृत व्यक्ति की साइकिल बरामद हुई। घटनास्थल पर जमीन खोदने पर मृतक का सिर भी बरामद हुआ। वारदात में इस्तेमाल हथियार भी बरामद किया गया।
तांत्रिक रामाशीष रिकियासन ने सुधीर पासवान की पत्नी को बच्चा न होने पर नरबलि का सुझाव दिया था, ताकि उन्हें संतान की प्राप्ति हो सके। आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
एसपी ने बताया कि जुलाई 2024 में भी मदनपुर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग का कटा हुआ सिर और धड़ बरामद हुआ था, जिसमें भी रामाशीष रिकियासन की भूमिका सामने आई थी। जांच में पता चला कि उस बच्चे की भी बलि दी गई थी।