सीतामढ़ी के संदीप: बाल मजदूरी से मैट्रिक तक का प्रेरणादायक सफर

सीतामढ़ी के संदीप कुमार ने आर्थिक तंगी से जूझते हुए मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा पास की। श्रम विभाग और प्रथम संस्था से मिली मदद से संदीप ने बाल श्रम से मुक्त होकर शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाए और अपनी मेहनत से सफलता हासिल की। संदीप का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, जिसके कारण उसे बचपन में ही काम करना पड़ा। श्रम विभाग ने संदीप को बाल श्रम से मुक्त कराने के बाद उसे शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। प्रथम संस्था ने उसे प्रतिमाह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।

Mar 30, 2025 - 12:06
सीतामढ़ी के संदीप: बाल मजदूरी से मैट्रिक तक का प्रेरणादायक सफर
सीतामढ़ी: संदीप कुमार की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो यह साबित करती है कि मजबूत इरादे और सही मार्गदर्शन से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। संदीप ने 10 साल की उम्र में बाल मजदूरी करने के बाद भी मैट्रिक की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।

संदीप का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, जिसके कारण उसे बचपन में ही काम करना पड़ा। लेकिन, श्रम विभाग और प्रथम संस्था की मदद से संदीप को बाल श्रम से मुक्ति मिली और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। संदीप ने इस अवसर का लाभ उठाया और अपनी मेहनत से सफलता हासिल की।

श्रम विभाग ने संदीप को बाल श्रम से मुक्त कराने के बाद उसे शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। प्रथम संस्था ने उसे प्रतिमाह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की और उसकी शिक्षा में मदद की। संदीप ने श्री गांधी हाइस्कूल, परिहार से मैट्रिक की परीक्षा पास की।

डीएम रिची पाण्डेय ने संदीप की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि सही दिशा और अवसर मिले, तो कोई भी बच्चा अपने भविष्य को बेहतर बना सकता है। संदीप की कहानी अन्य वंचित बच्चों के लिए प्रेरणा है।