नालंदा में ईद का अनोखा जश्न: सऊदी अरब के साथ एक दिन पहले
बिहार के नालंदा जिले के कुछ गांवों में ईद का त्योहार सोमवार की जगह रविवार को मनाया गया, क्योंकि वहां के कई लोग सऊदी अरब में काम करते हैं और सऊदी अरब में चांद दिखने के हिसाब से ईद मनाते हैं। इन गांवों में रविवार को ईद की रौनक देखने को मिली, लोगों ने मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा की और गले मिलकर एक-दूसरे को ईद मुबारक कहा। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांवों के ज्यादातर लोग सऊदी अरब में काम करते हैं और सऊदी अरब में चांद देखने के बाद ईद की तारीख तय होती है। रविवार को गांव में खूब चहल-पहल थी और हर घर से 'ईद मुबारक' की आवाज आ रही थी।

बिहार के नालंदा जिले के कुछ गांवों में ईद का त्योहार सोमवार की जगह रविवार को मनाया गया। सिलाव प्रखंड के बड़ाकर और कड़ाह जैसे गांवों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दिन पहले ही ईद की नमाज अदा की और एक दूसरे को बधाई दी।
इन गांवों में ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यहां के कई लोग सऊदी अरब में काम करते हैं और वे सऊदी अरब में चांद दिखने के हिसाब से ईद मनाते हैं। इस वजह से इन गांवों में ईद एक दिन पहले मनाई जाती है।
दरअसल, पूरे देश में ईद सोमवार को मनाई जाएगी, वहीं नालंदा के इन गांवों में रविवार को ही ईद की रौनक देखने को मिली। लोगों ने मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा की और गले मिलकर एक-दूसरे को ईद मुबारक कहा।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांवों के ज्यादातर लोग सऊदी अरब में काम करते हैं। वे हर साल ईद के मौके पर अपने गांव लौटते हैं। सऊदी अरब में चांद देखने के बाद ईद की तारीख तय होती है। इसलिए, वे सऊदी अरब के अनुसार ही अपनी परंपरा निभाते हैं और एक दिन पहले ही ईद का जश्न मना लेते हैं।
रविवार को बड़ाकर और आसपास के गांवों में खूब चहल-पहल थी। घरों से सेवइयों की खुशबू आ रही थी, बच्चे खुश थे और बड़े लोग दुआएं दे रहे थे। मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने के बाद सभी ने भाईचारे और प्रेम का संदेश दिया। पूरा गांव ईद के रंग में रंगा हुआ था और हर घर से 'ईद मुबारक' की आवाज आ रही थी।