इंडोनेशिया की सफरवादी गुफा: मक्का तक रहस्यमय सुरंग का दावा
इंडोनेशिया के जावा द्वीप में स्थित सफरवादी गुफा इन दिनों चर्चा में है। इस गुफा के बारे में मान्यता है कि यहाँ से एक सुरंग सीधे मक्का तक जाती है। बड़ी संख्या में मुसलमान इसे आस्था का केंद्र मानते हैं। लोग मानते हैं कि शेख अब्दुल मुहई ने इस गुफा के रास्ते मक्का की यात्रा की थी। गरीब लोग हज पर जाने की उम्मीद में यहां आते हैं और मानसिक शांति का अनुभव करते हैं। मानव विज्ञानी अमानाह नुरिश के अनुसार, यह मामला पूरी तरह से आस्था पर आधारित है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सफरवादी गुफा 284 मीटर लंबी है और इसके दो प्रवेश द्वार हैं। बहुत से लोग इसे पवित्र गुफा मानते हैं। लोगों का कहना है कि शेख अब्दुल मुहई ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके इस गुफा के रास्ते मक्का की यात्रा की थी। अब्दुल मुहई 17वीं सदी के एक प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान थे, जिन्होंने पश्चिमी जावा में इस्लाम का प्रचार किया था। लोग उन्हें बहुत सम्मान देते हैं और मानते हैं कि वह सुरंग आज भी मौजूद है, जिससे होकर मुहई मक्का गए थे।
सफरवादी गुफा में लोग इस उम्मीद में आते हैं कि शायद वे भी यहां से मक्का पहुंच जाएंगे। खासकर गरीब लोग यहां आते हैं, जिनके लिए हज का खर्च उठाना मुश्किल होता है। यह मान्यता है कि जो व्यक्ति सुरंग के पत्थरों में अपना सिर फिट कर लेता है, वह मक्का तक पहुंच सकता है। यहां हमेशा पानी टपकता रहता है, जिसे लोग पवित्र मानते हैं और कहते हैं कि यह आब-ए-जमजम की तरह शुद्ध है। इस जगह से जुड़ी कई अन्य मान्यताएं भी हैं।
सऊदी अरब और इंडोनेशिया के बीच की दूरी लगभग आठ हजार किलोमीटर है। इसलिए यह सोचना अजीब लगता है कि लोग मक्का जाने की उम्मीद में इस गुफा में आते हैं। फिर भी, यह स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है। कई लोग सिर्फ उस जगह को छूने के लिए आते हैं जहां कभी अब्दुल मुहई रुके थे। स्थानीय कहानियाँ भी लोगों को इस गुफा की ओर आकर्षित करती हैं।
मानव विज्ञानी अमानाह नुरिश का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से आस्था पर आधारित है। उनके अनुसार, कई मुसलमान मक्का जाना चाहते हैं और उस धरती को देखना चाहते हैं जहां कभी पैगंबर मोहम्मद ने कदम रखे थे। लेकिन सऊदी अरब की यात्रा करना कई लोगों के लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं होता। इसलिए यह गुफा उन लोगों को आकर्षित करती है जो हज नहीं कर सकते। गरीब लोग यहां आकर अच्छा महसूस करते हैं और मानसिक शांति का अनुभव करते हैं। कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि उन्हें हज करने जैसा अनुभव होता है।