दमोह में भगवा झंडा हटाने पर बवाल, CMO के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
दमोह में नवरात्रि से पहले भगवा झंडे हटाने को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद हिंदू संगठन और व्यापारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने CMO पर कालिख पोतकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विहिप और अन्य हिंदू संगठनों ने CMO के कृत्य को हिंदू विरोधी बताते हुए सार्वजनिक माफी की मांग की है। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू संगठनों द्वारा नवरात्रि की सजावट के लिए लगाए जा रहे भगवा झंडों को नगर पालिका ने हटवा दिया। इस घटना के बाद, हिंदू संगठन के नेताओं ने CMO के चेहरे पर कालिख पोत दी, जिसके बाद संगठन और स्थानीय व्यापारियों ने CMO के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए, पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी CMO के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। नवरात्रि से पहले शहर में हिंदू संगठनों द्वारा सजावट की जा रही थी, जिसके तहत घंटाघर और उसके आसपास भगवा झंडे लगाए जा रहे थे। नगर पालिका कर्मचारियों ने CMO प्रदीप शर्मा के निर्देश पर झंडे हटाने का प्रयास किया, जिससे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा नेता अनुराग यादव और विवेक अग्रवाल ने CMO के बंगले पर जाकर उनके चेहरे पर काली स्याही पोत दी। घंटाघर चौराहे पर हिंदू संगठनों और स्थानीय व्यापारियों का दिन भर विरोध प्रदर्शन चला, जिसे सकल हिंदू समाज सहित कई राजनीतिक और हिंदू संगठनों का समर्थन मिला।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष अंजू खत्री और अन्य संगठनों ने CMO शर्मा के इस कृत्य को हिंदू विरोधी बताते हुए सार्वजनिक माफी और प्रशासन द्वारा कार्रवाई की मांग की है।
दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जानकारी प्राप्त की है और बताया कि कर्मचारियों ने CMO के निर्देश पर ऐसा किया था। सभी पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं और मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।