ब्रज में रंगभरी एकादशी: बांके बिहारी मंदिर में भक्तों ने खेली होली

ब्रज में होली का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। बांके बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के दिन शुरू होकर रंग भरनी एकादशी पर यह उत्सव चरम पर पहुंच गया। यहां भक्त, भगवान के साथ टेसू के रंगों से होली खेल रहे हैं। मथुरा और द्वारकाधीश मंदिरों में भी होली का हर्षोल्लास देखने को मिला। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में टेसू के फूलों से बने रंगों से होली खेली जा रही है। रंग भरनी एकादशी पर ब्रज के प्रमुख मंदिरों में रंगों और गुलाल से होली खेलकर भक्त भावुक हो गए।

Mar 11, 2025 - 09:21
ब्रज में रंगभरी एकादशी: बांके बिहारी मंदिर में भक्तों ने खेली होली
मथुरा: ब्रज में होली का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। बांके बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के दिन शुरू होकर रंग भरनी एकादशी पर यह उत्सव चरम पर पहुंच गया। यहां भक्त, भगवान के साथ टेसू के रंगों से होली खेल रहे हैं। मथुरा और द्वारकाधीश मंदिरों में भी होली का हर्षोल्लास देखने को मिला।

रंग भरनी एकादशी के दिन ब्रज के मंदिरों में होली का उत्साह देखने को मिला। यहां आने वाले श्रद्धालुओं ने भगवान के साथ जमकर होली का आनंद उठाया। बांके बिहारी मंदिर में होली खेलते भक्त।

वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के दिन से होली का त्योहार शुरू हो गया है। मंदिर परिसर में बसंत पंचमी के दिन शुरू हुई होली में उड़ने वाले गुलाल की जगह अब टेसू के फूलों से बने रंगों ने ले ली है। यहां प्राकृतिक रंगों से जमकर होली खेली गई।

बांके बिहारी मंदिर परिसर में रंग डालने की शुरुआत के बाद अगले पांच दिनों तक हर दिन टेसू के फूलों से बने रंगों की होली खेली जाती है। इस होली में मंदिर के सेवक सबसे पहले बांके बिहारी को टेसू का रंग लगाते हैं। उसके बाद उसे सिरिंज में भरकर मंदिर परिसर में मौजूद भक्तों पर डालते हैं।

भगवान बांके बिहारी के दरबार में टेसू के रंगों से होली खेलने में सभी को बहुत आनंद आता है। हर कोई इस रंग को प्रसाद के रूप में अपने ऊपर डालना चाहता है। इस होली में भाग लेकर भक्त न केवल टेसू के रंगों में रंग जाते हैं, बल्कि बांके बिहारी के रंग में रंगकर गाते भी हैं कि "आज ब्रज में होरी रे रसिया..." रंग भरनी एकादशी पर ब्रज के प्रमुख मंदिरों में रंगों और गुलाल से होली खेलकर भक्त भावुक हो गए।