नोएडा: महामाया फ्लाईओवर के पास इंटरचेंज से ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात
नोएडा में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए महामाया फ्लाईओवर के पास एक इंटरचेंज बनाने की योजना है। इससे चिल्ला एलिवेटेड रोड को नोएडा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे यातायात तेजी से आगे बढ़ सकेगा। यह इंटरचेंज दिल्ली में एम्स के पास बने इंटरचेंज की तरह होगा। कालिंदी कुंज से यमुना एक्सप्रेसवे तक एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनेगा। सेक्टर 94 से एक नई सड़क नोएडा एयरपोर्ट को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। नोएडा अथॉरिटी एनएचएआई को इस परियोजना में शामिल करने पर विचार कर रही है।

नोएडा में ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए महामाया फ्लाईओवर के पास इंटरचेंज बनाने की योजना है। इससे चिल्ला एलिवेटेड रोड, नोएडा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा और ट्रैफिक तेजी से आगे बढ़ सकेगा।
मुख्य बातें:
- ट्रैफिक समस्या दूर करने की योजना
- चिल्ला एलिवेटेड रोड नोएडा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा
- दिल्ली एम्स के पास बने इंटरचेंज जैसा होगा निर्माण
नोएडा अथॉरिटी के अनुसार, चिल्ला एलिवेटेड रोड को यमुना पुश्ता रोड के साथ यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए महामाया फ्लाईओवर के पास एक क्लोवरलीफ इंटरचेंज बनेगा। यह दिल्ली में एम्स के पास बने इंटरचेंज जैसा होगा। कालिंदी कुंज से यमुना एक्सप्रेसवे तक एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनेगा।
चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण जारी है। 892 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा 5.9 किलोमीटर लंबा, छह लेन का यह कॉरिडोर नोएडा के प्रवेश बिंदु पर जाम कम करेगा। मयूर विहार से सीधे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे तक पहुंच आसान होगी।
सेक्टर 94 से एक नई छह लेन एलिवेटेड सड़क और आठ लेन की सड़क नोएडा एयरपोर्ट के लिए सीधी कनेक्टिविटी देगी। इससे दिल्ली और हरियाणा से आगरा, लखनऊ और नोएडा एयरपोर्ट जाने वाले वाहनों को नोएडा एक्सप्रेसवे पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर की तरह, सेक्टर 18 में पैदल चलने वालों के लिए एक जगह बनाई जाएगी, जिसमें बड़ी एलईडी स्क्रीन और सार्वजनिक स्थान होंगे। इस परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह एक साल में पूरी हो जाएगी।
नोएडा अथॉरिटी, नए एक्सप्रेसवे के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को शामिल करने पर विचार कर रही है। अगर एनएचएआई नहीं मानता, तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण मिलकर इसे बनाएंगे।
नोएडा अथॉरिटी की बैठक में एक्सप्रेसवे की जरूरत पर चर्चा हुई, क्योंकि 25 किलोमीटर लंबे नोएडा एक्सप्रेसवे पर दबाव बढ़ रहा है। एक्सप्रेसवे के लिए दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है: एक आठ लेन का एक्सप्रेसवे या यमुना नदी के किनारे छह लेन की एलिवेटेड सड़क।