जामा मस्जिद में इफ्तार परोसकर नेहा भारती ने दिया भाईचारे का संदेश
दिल्ली की नेहा भारती रमजान के दौरान जामा मस्जिद में इफ्तार कराकर भाईचारे का संदेश दे रही हैं। वह हर दिन अलग-अलग तरह के भोजन से इफ्तार कराती हैं और उनकी एनजीओ 'राह' जरूरतमंदों तक खाना, कपड़े और किताबें पहुंचाती है। नेहा ने इस काम की शुरुआत 4 साल पहले की थी और अब उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उनका कहना है कि इफ्तार का मकसद सिर्फ खाना खिलाना नहीं, बल्कि भाईचारे का संदेश फैलाना है। नेहा ने 'राह' नाम की एक एनजीओ भी बनाई है, जिसके माध्यम से वह जरूरतमंदों की मदद करती हैं।

नई दिल्ली: रमजान के मौके पर पुरानी दिल्ली की गलियां गुलजार हैं। जामा मस्जिद के पास इफ्तार के समय, नेहा भारती नामक एक महिला नफरत को मिटाकर प्यार फैला रही हैं। वह हर दिन लोगों को इफ्तार कराती हैं, ताकि शांति का संदेश हर किसी तक पहुंचे।
नेहा ने इस काम की शुरुआत 4 साल पहले की थी, जब उन्होंने रमजान में हर शुक्रवार को जामा मस्जिद में इफ्तार कराया। पहले, उनके पास ज्यादा बजट नहीं था, लेकिन पिछले तीन सालों से, वह लगातार हर दिन जामा मस्जिद आ रही हैं। वह आलू चाट, मोहब्बत का शरबत, रूह अफजा, फ्रूटी और अन्य स्वादिष्ट चीजें लेकर आती हैं।
नेहा बताती हैं कि पहली बार इफ्तार कराने पर लोग हैरान थे कि एक हिंदू लड़की ऐसा कर रही है। लेकिन आज, लोग उनका इंतजार करते हैं। नेहा रविवार से नवरात्रि शुरू होने पर सुबह मंदिर और शाम को मस्जिद में बिताएंगी। वह आंबेडकर जयंती पर भी कुछ विशेष करने की योजना बना रही हैं।
नेहा का कहना है कि इफ्तार का मकसद सिर्फ खाना खिलाना नहीं, बल्कि भाईचारे और मोहब्बत का संदेश फैलाना है। इस काम में उनके माता-पिता, दोस्त रमशा नूर और भाभी रणीता भी मदद करते हैं। नेहा ने 'राह' नाम की एक एनजीओ भी बनाई है, जिसके माध्यम से वह जरूरतमंदों को खाना, कपड़े, किताबें और अन्य जरूरी चीजें दान करती हैं।