कर्नाटक सत्ता संघर्ष फिर उफान पर, बेटे की नई चिंगारी से डीके खेमे में अजीब उथल‑पुथल!
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर से विवाद बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींन्द्र द्वारा नेतृत्व को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों का पारा चढ़ा हुआ है।
कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर धमाकेदार मोड़ पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर उठी हलचल शांत होने का नाम नहीं ले रही। हाई कमान ने दोनों दिग्गज नेताओं को साथ बैठाकर मामला निपटाने की कोशिश की थी, लेकिन सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र का ताज़ा बयान आग में घी डालने जैसा साबित हो रहा है। उनके एक बयान ने उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों को जोरदार तरीके से भड़का दिया है।
बेलगावी में मीडिया से बातचीत के दौरान यतींद्र ने साफ-साफ कहा कि राज्य में नेतृत्व को लेकर किसी भी तरह का बदलाव संभव नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि हाई कमान ने स्थिति स्पष्ट कर दी है और मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी तरह की खींचतान या अदला-बदली पर कोई चर्चा नहीं है। यतींद्र के मुताबिक “अब सब कुछ बिल्कुल साफ है, और इस मुद्दे पर किसी तरह का संशय नहीं होना चाहिए।”
हालांकि विवाद इस बयान से नहीं, बल्कि पिछले हफ्ते दिए गए उनके एक तीखे कमेंट से भड़का है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि जो लोग नेतृत्व परिवर्तन का सपना देख रहे हैं, वे सपने देखते रहें, क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व पहले ही फैसला सुना चुका है। इसी टिप्पणी को लेकर शिवकुमार गुट के नेता भड़क उठे और इसे ‘अहंकारी बयान’ बताया।
जब इस बयान पर डीके शिवकुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने बेहद संयमित तरीके से जवाब दिया। शिवकुमार ने कहा कि इस पर प्रतिक्रिया देने के बजाय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खुद ही अपने बेटे की ओर से जवाब देंगे। हालांकि उनका शांत लहजा भी उनके समर्थकों को शांत नहीं कर सका और बयानबाज़ी तेज होती चली गई।
कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेतृत्व पर चर्चा करते ही नोटिस थम जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के बयान अचानक ‘जादू’ बन जाते हैं। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि किसी को भी हाई कमान से ऊपर जाने का अधिकार नहीं है, और बयान देने से पहले नेताओं को अपनी सीमाएं समझनी चाहिए। उन्होंने इसे पार्टी अनुशासन का सीधा उल्लंघन बताया।
उधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीब माने जाने वाले नेता यतींद्र के बचाव में उतर आए हैं। शहरी विकास मंत्री बायरथी सुरेश ने कहा कि सिद्धारमैया हमेशा हाई कमान के निर्देशों का पालन करते आए हैं और आगे भी करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं हुआ है और पार्टी की जो भी लाइन होगी, वही अंतिम होगी।
गौरतलब है कि कर्नाटक में 2.5 साल में सत्ता हस्तांतरण का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है। कहा जाता है कि सरकार गठन के समय सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच यही सहमति बनी थी। हालांकि शिवकुमार ने कभी सार्वजनिक रूप से ये दावा नहीं किया, लेकिन उनके समर्थक इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाते रहे। बढ़ते तनाव के बाद हाई कमान को हस्तक्षेप करना पड़ा और हाल ही में दोनों नेताओं में एक अस्थायी सहमति बनी थी, मगर यतींद्र का बयान उस शांति को फिर से हिला गया है।