देश छोड़कर जाने वालों की बढ़ती संख्या: क्या पश्चिम की दुनिया ज्यादा लुभाती है?
लेख में उमेश चतुर्वेदी बताते हैं कि क्यों भारतीय पश्चिमी देशों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। वे कहते हैं कि कभी कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता था, लेकिन अब पश्चिमी देश वैसे बन गए हैं। इन देशों में बेहतर जीवन, प्रतिभा का सम्मान और भाई-भतीजावाद की कमी जैसे कारण हैं जो भारतीयों को वहां जाने के लिए प्रेरित करते हैं। हालांकि, लेखक यह भी बताते हैं कि ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासियों को वापस भेज रहा है। भारत में VIP कल्चर और आरक्षण के कारण भी लोग विदेश जा रहे हैं। पश्चिमी देशों में बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं भी लोगों को आकर्षित करती हैं।

उमेश चतुर्वेदी के लेख के अनुसार, महज चार सदी पहले तक जो देश अंधकार युग से गुजर रहे थे, उनका समाज अब इतना बदल चुका है कि दुनिया उनकी ओर खिंची चली आती है। दुनियाभर के लोग मौका मिलते ही जायज-नाजायज तरीकों से इन देशों में घुसने की कोशिश करते हैं। अतीत में यह बेहतर जीवन और समृद्ध भविष्य की गारंटी होती थी, लेकिन ट्रंप युग में हालात बदल गए हैं।
लेखक के अनुसार, अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में प्रतिभा और श्रम का सम्मान है, जो लोगों को आकर्षित करता है। हालांकि, अवैध रूप से वहां पहुंचने वाले भारतीयों को ट्रंप प्रशासन अमानवीय तरीके से वापस भेज रहा है।
लेखक का मानना है कि भारत में भाई-भतीजावाद और VIP कल्चर के चलते कई लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिलता। वहीं, पश्चिम में प्रतिभा और श्रम को महत्व दिया जाता है, जिससे लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
लेखक के अनुसार, भारत में आरक्षण के चलते गैर-आरक्षित समुदाय के प्रतिभाशाली लोग भी पलायन करने को मजबूर हैं। तमिलनाडु में आरक्षण व्यवस्था लागू होने के बाद वहां के गैर-आरक्षित समुदाय के कई लोग अमेरिका, मलेशिया और सिंगापुर में सफल कारोबारी और इंजीनियर बने।
लेखक का मानना है कि पश्चिमी देशों में बेहतर जीवन, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं मौजूद हैं, जो लोगों को आकर्षित करती हैं।