सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो: मुस्लिम मोहल्ले में नेत्रहीन हिंदू बुजुर्ग पर हमले का सच
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एक हिंदू नेत्रहीन बुजुर्ग को मुस्लिम मोहल्ले में पीटा गया। सजग टीम की जांच में पाया गया कि यह दावा गलत है और वीडियो करीब साढ़े पांच साल पुराना है। वीडियो में, एक बाजार में दो बुजुर्ग दिख रहे हैं, जिनमें से एक दूसरे को लाठी से मारता है। यह दावा किया गया कि जब एक नेत्रहीन हिंदू बुजुर्ग गलती से मुस्लिम मोहल्ले में चला गया, तो उसके साथ ऐसा व्यवहार किया गया। सजग टीम ने गूगल लेंस की मदद से वीडियो की सच्चाई का पता लगाया और पाया कि यह भ्रामक है।

सजग टीम की जांच में पाया गया कि यह दावा गलत है। वीडियो करीब साढ़े पांच साल पुराना है और इसमें दिख रहे बुजुर्गों के समुदाय की पुष्टि नहीं हो पाई है।
वीडियो में, एक बाजार में दो बुजुर्ग दिख रहे हैं। उनमें से एक, दूसरे को लाठी से मारता है। यह दावा किया गया कि जब एक नेत्रहीन हिंदू बुजुर्ग गलती से मुस्लिम मोहल्ले में चला गया, तो उसके साथ ऐसा व्यवहार किया गया।
सजग टीम ने इस दावे की पड़ताल की और पाया कि यह भ्रामक है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में इस वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
सजग टीम ने गूगल लेंस की मदद से वीडियो की सच्चाई का पता लगाया। उन्हें सोशल मीडिया पर कुछ लिंक मिले, लेकिन उनमें वीडियो की जगह या बुजुर्गों के समुदाय के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
फेसबुक पर एक साढ़े पांच साल पुरानी पोस्ट मिली, जिसमें यह वीडियो था। पोस्ट में एक कहावत लिखी थी, लेकिन इसमें दोनों बुजुर्गों के समुदाय के बारे में कुछ नहीं कहा गया था। इसलिए, बिना किसी सबूत के यह कहना गलत है कि उनमें से एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम है।
सजग टीम का निष्कर्ष है कि यह वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।