वायुसेना को क्यों चाहिए अधिक ताकत?
भारतीय वायुसेना को आधुनिक विमानों और लंबी दूरी की मिसाइलों की जरूरत है क्योंकि चीन और पाकिस्तान अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहे हैं। भारत स्वदेशी 5-जी विमान (AMCA) का विकास कर रहा है, लेकिन इसमें एक दशक लगेगा। वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या घटकर 30 स्क्वाड्रन रह गई है, जबकि कम से कम 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। भारतीय वैज्ञानिकों ने 'अस्त्र' मिसाइल विकसित की है, जो 100 किलोमीटर तक दुश्मन विमान को निशाना बना सकती है। चीन ने दुनिया की सबसे लंबी मारक दूरी वाली एयर-टू-एयर मिसाइलें तैनात कर दी हैं।

भारतीय वायुसेना को क्यों चाहिए अधिक ताकत, जानें चीन, पाकिस्तान से कितनी चुनौती
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में कहा कि भारत के पास भले ही छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान न हों, लेकिन भारतीय पायलट उन्हें उड़ाने में सक्षम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य शक्ति को देखते हुए भारत को आधुनिक विमानों और लंबी दूरी की मिसाइलों की आवश्यकता है।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारतीय वायुसेना पर सभी को गर्व है, लेकिन हमें आधुनिक लड़ाकू विमान चाहिए। चीन ने पहले ही छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित कर लिए हैं, जबकि भारत के पास अभी भी 4.5 पीढ़ी के राफेल और सुखोई-30 जैसे विमान हैं। पाकिस्तान भी जल्द ही चीन में बने पांचवीं पीढ़ी के विमान अपने बेड़े में शामिल करने वाला है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
भारत जिस स्वदेशी 5-जी विमान (AMCA) का विकास कर रहा है, वह एक दशक से पहले मिलने की संभावना नहीं है। इसके अलावा, वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या घटकर 30 स्क्वाड्रन रह गई है, जबकि कम से कम 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। पाकिस्तान और चीन अपनी लड़ाकू विमानों को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से लैस कर रहे हैं, और भारत भी अपने विमानों पर मिसाइलें लगा रहा है।
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को लड़ाकू विमानों से दागा जाता है। ये मिसाइलें दुश्मन के विमानों को आसमान में ही नष्ट करने में सक्षम होती हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने 'अस्त्र' मिसाइल विकसित की है, जो 100 किलोमीटर तक दुश्मन विमान को निशाना बना सकती है।
'अस्त्र' का ताजा परीक्षण पिछले 12 मार्च को स्वदेशी तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) पर किया गया। भारतीय वायुसेना ने राफेल पर 150 किलोमीटर तक मार करने वाली मेटियोर एयर-टू-एयर मिसाइलें तैनात की हैं, लेकिन इनकी संख्या सीमित है।
भारतीय वायुसेना को आसमानी युद्ध में बढ़त बनाने के लिए अधिक दूरी तक मार करने वाली एयर-टू-एयर मिसाइलों की जरूरत है। चीन ने अपने देश में ही विकसित दुनिया की सबसे लंबी मारक दूरी वाली एयर-टू-एयर मिसाइलें तैनात कर भारतीय वायुसेना के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।