ग्वालियर नगर निगम: पार्षद निधि में वृद्धि, आय में कमी, बजट पर चिंतन!

ग्वालियर नगर निगम परिषद ने पार्षदों की निधि 65 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ 15 लाख + GST कर दी है, जबकि महापौर की निधि बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज हो गया। बीजेपी के बहुमत के कारण पार्षदों की निधि में वृद्धि हुई, लेकिन निगम की आय घटने से आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है। पार्षदों की मांग थी कि उनकी निधि बढ़ाई जाए, जबकि कांग्रेस के पार्षद महापौर की निधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। निगम कमिश्नर ने सदन को पिछले तीन सालों का हिसाब-किताब दिया, जिसमें आय में कमी बताई गई। बीजेपी पार्षदों ने वोटिंग के आधार पर निधि बढ़ा दी, जिससे कांग्रेस महापौर निराश दिखाई दीं। अब निगम को आय बढ़ाने के नए तरीके खोजने होंगे।

Mar 19, 2025 - 19:55
ग्वालियर नगर निगम: पार्षद निधि में वृद्धि, आय में कमी, बजट पर चिंतन!
ग्वालियर नगर निगम: पार्षदों की निधि में वृद्धि, आय में कमी

ग्वालियर नगर निगम परिषद ने पार्षदों की निधि 65 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ 15 लाख + GST कर दी है। हालांकि, महापौर की निधि बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज हो गया। परिषद में बीजेपी को बहुमत का लाभ मिला, लेकिन निगम की आय घटने पर अब आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है।

पिछले दो दिनों से पार्षदों की निधि बढ़ाने को लेकर हंगामा चल रहा था। मंगलवार को बीजेपी ने रणनीति बनाई और पार्षदों की निधि बिना आय बढ़े ही 1 करोड़ के पार हो गई। निगम कमिश्नर ने बताया कि निगम की आय घट रही है, लेकिन बीजेपी ने बहुमत का फायदा उठाकर पार्षदों की निधि बढ़ा दी। अब निगम को अपनी आय बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।

ग्वालियर नगर निगम की परिषद में निधि बढ़ाने को लेकर लगातार बहस हो रही थी। पार्षदों का कहना था कि उनकी निधि 65 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ 15 लाख कर दी जाए, जबकि कांग्रेस के पार्षद महापौर की निधि 6 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने की मांग कर रहे थे।

निगम कमिश्नर संघप्रिय ने सदन को पिछले तीन सालों का हिसाब-किताब दिया। उन्होंने बताया कि साल 2023-24 में निगम की आय 182 करोड़ थी, जो 24-25 में घटकर 151 करोड़ रह गई। उन्होंने यह भी बताया कि 2024-25 में महापौर की निधि बढ़कर 7 करोड़, अध्यक्ष की बढ़कर 6 करोड़ और पार्षदों की बढ़कर 77 लाख हो गई, लेकिन निगम की आय केवल 151 करोड़ रुपए ही रही।

बैठक में बीजेपी के पार्षदों ने निगम की आय को अनदेखा करते हुए वोटिंग के आधार पर पार्षदों की निधि बढ़ाकर 1 करोड़ 15 लाख + GST कर दी। सभापति और महापौर की निधि बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया, क्योंकि ग्वालियर में कांग्रेस की महापौर हैं, लेकिन परिषद में बीजेपी का बहुमत है।

निगम कमिश्नर संघप्रिय ने कहा कि परिषद ने जो प्रस्ताव पास किया है, उसके आधार पर अब ग्वालियर नगर निगम अपनी आय बढ़ाने पर जोर देगी। कांग्रेस महापौर की निधि न बढ़ने से निराश दिखाई दे रही थीं, जबकि सभी पार्षदों के चेहरे खिले हुए थे, क्योंकि उनकी निधि बढ़कर अब 1 करोड़ 15 लाख + GST हो गई है।

पार्षदों की निधि बढ़ने से निगम पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, इसलिए आय के स्रोत बढ़ाने होंगे। यह जिम्मेदारी अधिकारियों और पार्षदों दोनों की है। निगम को अब अपनी आय बढ़ाने के लिए नए तरीके खोजने होंगे, जिसमें पार्षदों को भी मदद करनी होगी।