एलन मस्क की एक्स गर्लफ्रेंड ग्रिम्स का पेरेंटिंग पर खुलासा

एलन मस्क की एक्स गर्लफ्रेंड ग्रिम्स ने पेरेंटिंग के सबसे मुश्किल पहलू पर बात की। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुलाना एक चुनौतीपूर्ण काम है और वह खुद भी बचपन में अपने माता-पिता को सोने के समय परेशान करती थीं। ग्रिम्स ने सोशल मीडिया पर अपनी पेरेंटिंग यात्रा के बारे में खुलकर बात की और बच्चों को सुलाने के कुछ सुझाव भी दिए, जैसे कि बच्चे के सोने का एक नियमित समय निर्धारित करना।

Mar 24, 2025 - 16:22
एलन मस्क की एक्स गर्लफ्रेंड ग्रिम्स का पेरेंटिंग पर खुलासा
एलन मस्क की पूर्व गर्लफ्रेंड ग्रिम्स ने हाल ही में पेरेंटिंग के दौरान आने वाली मुश्किलों पर बात की। उन्होंने बताया कि बच्चों को सुलाना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है और इससे वह अक्सर परेशान हो जाती हैं। ग्रिम्स ने यह भी स्वीकार किया कि वह बचपन में अपने माता-पिता को सोने के समय काफी परेशान करती थीं।

ग्रिम्स, जिनके एलन मस्क से तीन बच्चे हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी पेरेंटिंग यात्रा के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने पेरेंटिंग के सबसे कठिन हिस्से के बारे में अपने विचार साझा किए, जिससे कई माता-पिता सहमत हो सकते हैं।

ग्रिम्स ने लिखा कि बच्चों को सुलाना इतना मुश्किल क्यों होता है। उन्हें याद है कि वह खुद भी बचपन में सोने के समय बहुत परेशान करती थीं। उन्होंने सवाल किया कि क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक या विकास संबंधी कारण है और क्या वह कुछ ऐसा समझ नहीं पा रही हैं जो महत्वपूर्ण है। ग्रिम्स ने यह भी कहा कि अगर कहानी बहुत रोचक हो तो बच्चे उत्साहित होकर जाग जाते हैं, और अगर बहुत साधारण हो तो वे दिलचस्पी नहीं लेते।

ग्रिम्स ने कहा कि ऐसा लगता है कि सोने के लिए जानबूझकर उबाऊ कहानियां सुनानी पड़ती हैं, जो कहीं न कहीं अजीब और गलत लगता है। उन्होंने पूछा कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे बच्चों को बिना ज्यादा उत्साहित किए सुलाया जा सके और क्या यह हर माता-पिता की आम समस्या है।

ग्रिम्स ने यह भी याद दिलाया कि वह अपने माता-पिता को इसी तरह तंग करती थीं, हर रात कहानियां सुनने की जिद करती थीं, सोने में बहुत ज्यादा समय लगाती थीं और अगर वे उसे छोड़कर चले जाते थे तो फिर से उठकर उनके पीछे जाती थीं।

लेख में बच्चों को सुलाने के कुछ सुझाव भी दिए गए हैं, जैसे कि बच्चे के सोने का एक नियमित समय निर्धारित करना और हर रोज उसी समय पर उसे सुलाना। इसके अतिरिक्त, टॉडलर उम्र तक के बच्चों को लोरी सुनाकर सुलाने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे वे शांत महसूस करते हैं और उन्हें जल्दी नींद आ जाती है। लोरी सुनने पर बच्चों के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता है, जिससे वे रिलैक्स महसूस कर पाते हैं।