ट्राइग्लिसराइड: कारण, खतरे और नियंत्रण के उपाय
डॉ. सलीम जैदी के अनुसार, ट्राइग्लिसराइड कोलेस्ट्रॉल की तरह ही खतरनाक है और नसों में जम कर ब्लड सर्कुलेशन को रोकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। मुख्य रूप से गलत खान-पान ट्राइग्लिसराइड बढ़ने का कारण है। ज्यादा चीनी और प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, एल्कोहॉल का सेवन और सुस्त जीवनशैली से यह समस्या बढ़ सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए फाइबर युक्त भोजन, हेल्दी फैट्स, एक्सरसाइज, और चीनी-एल्कोहॉल का कम सेवन जरूरी है। ग्रीन टी और हल्दी का सेवन भी फायदेमंद है।

डॉ. सलीम जैदी के अनुसार, ट्राइग्लिसराइड कोलेस्ट्रॉल की तरह ही खतरनाक है। यह नसों में जम कर ब्लड सर्कुलेशन को रोकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, इस पर ध्यान देना जरूरी है।
ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के कारण
डॉ. जैदी बताते हैं कि मुख्य रूप से गलत खान-पान ट्राइग्लिसराइड बढ़ने का कारण है। यह एक प्रकार का फैट है जो खून में घूमता रहता है और शरीर ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करता है। लेकिन जब यह बढ़ जाता है, तो हार्ट में ब्लॉकेज का कारण बनता है।
ट्राइग्लिसराइड बढ़ाने वाली चीजें:
ज्यादा चीनी और प्रोसेस्ड फूड: ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज के साथ-साथ ट्राइग्लिसराइड भी बढ़ता है। कोल्ड ड्रिंक्स, मिठाई और पैकेज्ड स्नैक्स में भी चीनी होती है, इसलिए इनसे बचें।
सैचुरेटेड और ट्रांस फैट: डीप फ्राइड और जंक फूड से दूर रहें, क्योंकि ये ट्राइग्लिसराइड को तेजी से बढ़ाते हैं और मोटापे का कारण बनते हैं।
एल्कोहॉल का सेवन: ज्यादा शराब पीने से लिवर पर बुरा असर पड़ता है, जिससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ जाता है।
स्मोकिंग और सुस्त जीवनशैली: ये दोनों चीजें भी ट्राइग्लिसराइड को बढ़ाती हैं। स्मोकिंग से फेफड़ों की गुणवत्ता घटती है और कैंसर का खतरा बढ़ता है।
ट्राइग्लिसराइड को कैसे कंट्रोल करें?
इसे कंट्रोल करना आसान है। फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां और ओट्स खाएं। अखरोट, अलसी के बीज और मछली जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें। रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज या योगा करें। चीनी और एल्कोहॉल का सेवन कम करें, साथ ही ग्रीन टी और हल्दी का सेवन करें।