केरल में बच्चों में वायरल मेनिनजाइटिस का प्रकोप

केरल में 5 बच्चों में वायरल मेनिनजाइटिस के मामले सामने आए हैं, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्ली को प्रभावित करता है। यह वायरस के कारण होता है और बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस से कम गंभीर है। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न शामिल हैं। यह छींकने, खांसने या दूषित सतहों को छूने से फैलता है। बचाव के लिए टीके लगवाएं, हाथ धोएं, बीमारों से दूर रहें और मच्छरों से बचें। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Mar 17, 2025 - 11:46
केरल में बच्चों में वायरल मेनिनजाइटिस का प्रकोप
केरल में हाल ही में 5 बच्चों में वायरल मेनिनजाइटिस के मामले सामने आए हैं। यह एक वायरल संक्रमण है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्ली को प्रभावित करता है। समय पर इलाज न होने पर यह गंभीर हो सकता है।

वायरल मेनिनजाइटिस क्या है?

वायरल मेनिनजाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्लियों में सूजन आ जाती है। यह सूजन वायरस के संक्रमण के कारण होती है और बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस की तुलना में कम गंभीर होती है।

कारण:

यह कई वायरस के कारण हो सकता है, जिनमें एंटरोवायरस, हरपीस सिम्प्लेक्स वायरस, वेस्ट नाइल वायरस, मम्प्स वायरस और एचआईवी शामिल हैं।

लक्षण:

लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, जैसे कि तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, कंपकंपी, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, मतली, उल्टी, भ्रम, थकान, भूख में कमी और चिड़चिड़ापन। कुछ मामलों में, नाक बहना, खांसी और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।

कैसे फैलता है?

यह छींकने, खांसने, खाना या निजी सामान साझा करने, बीमार व्यक्ति के करीब जाने या दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है। मच्छर के काटने से भी यह फैल सकता है।

बचाव:

चिकनपॉक्स, खसरा और मम्प्स के टीके लगवाएं। खाने से पहले और बाथरूम जाने के बाद हाथ धोएं। बीमार लोगों से दूर रहें। मच्छरों के काटने से बचें और शाम को पूरी बाजू के कपड़े पहनें। सतहों को कीटाणुरहित करें, मास्क पहनें और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें।