अमरमणि त्रिपाठी: 20 साल बाद फरेंदा में राजनीतिक सक्रियता से हलचल
उत्तर प्रदेश के महराजगंज से बड़ी खबर है: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सज़ा काटने के बाद रिहा हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी 20 साल बाद फरेंदा में सार्वजनिक मंच पर दिखे। उन्होंने जनता के बीच रहने का ऐलान किया और राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। अमरमणि ने फरेंदा सीट को अपने परिवार की बता कर संकेत दिया कि वे परिवार के ज़रिए राजनीति में सक्रिय रहेंगे। होली मिलन कार्यक्रम में उन्होंने जनता को संबोधित किया और अपने परिवार की सेवा का ज़िक्र किया। उनके चाचा श्याम नारायण तिवारी कई बार विधायक रहे हैं। अमरमणि की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला है, और बस्ती के राहुल मद्धेशिया अपहरण कांड पर 15 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

फरेंदा में एक लॉन में शुक्रवार रात होली मिलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। अमरमणि अपने बेटे, पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी, और चाचा, पूर्व मंत्री श्याम नारायण तिवारी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उन्होंने समारोह को संबोधित किया। अमरमणि त्रिपाठी का ढोल-नगाड़ों से स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने फरेंदा की जनता की सेवा की है।
अमरमणि ने जोर देकर कहा कि यह सीट हमेशा से उनके परिवार के पास रही है। उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार लगातार जनता के बीच रहकर सेवा करते रहेंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि अमरमणि त्रिपाठी के चाचा श्याम नारायण तिवारी फरेंदा सीट से कई बार विधायक रहे हैं। मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट चुके अमरमणि त्रिपाठी को समय से पहले रिहा कर दिया गया है, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मामला दायर किया गया था, लेकिन उन्हें राहत मिली है।
अब, बस्ती के राहुल मद्धेशिया अपहरण मामले में 15 अप्रैल को सुनवाई होनी है। सजा मिलने के कारण अमरमणि त्रिपाठी का राजनीतिक करियर समाप्त हो गया है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने सक्रियता बढ़ाई है, उससे संकेत मिलता है कि वह अब परिवार के माध्यम से अपनी राजनीतिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने वाले हैं।
अमरमणि त्रिपाठी का महाराजगंज में अच्छा प्रभाव माना जाता है, इसलिए यह माना जा रहा है कि उनकी सक्रियता से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं, जिसका असर हर पार्टी पर पड़ सकता है।