ट्रैफिक जाम का गेम ओवर! भारत में 6 सीटर Air Taxi की टेस्ट शुरू 6 लोग एक साथ भरेंगे उड़ान

Sarla Aviation Air Taxi: ग्राउंड टेस्टिंग शुरू होने के साथ ही सरला एविएशन का एयर टैक्सी प्रोग्राम अपने कोर वैलिडेशन फेज में प्रवेश कर गया है. कंपनी का दावा है कि, बेहद कम निवेश में इस मुकाम तक पहुंचना अपने आप में असाधारण उपलब्धि है.

Dec 22, 2025 - 15:35
ट्रैफिक जाम का गेम ओवर! भारत में 6 सीटर Air Taxi की टेस्ट शुरू 6 लोग एक साथ भरेंगे उड़ान

दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु की दमघोंटू ट्रैफिक लाइनों के बीच एक नई उम्मीद आसमान में चमक रही है. सड़कें जहां जवाब दे चुकी हैं, वहीं सरला एविएशन ने ट्रैफिक से मुक्ति का रास्ता हवा में तलाश लिया है. उड़ती टैक्सियों के इस रोमांचक सपने को हकीकत बनाने की दिशा में कंपनी ने अपने पहले एयर टैक्सी प्रोग्राम की ग्राउंड टेस्टिंग शुरू कर दी है, जिसने देशभर में हलचल मचा दी है.

अब उड़ान सिर्फ हवाई जहाजों की नहीं रहेगी, बल्कि आने वाले समय में ऑफिस जाने का तरीका भी बदल सकता है. बेंगलुरु स्थित फैसिलिटी में शुरू हुई यह टेस्टिंग भारत के प्राइवेट एयरोस्पेस सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण मानी जा रही है. सरला एविएशन 2028 तक लोकल कम्यूट के लिए इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी लॉन्च करने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है, जिससे शहरी सफर का पूरा खेल बदल सकता है.

ग्राउंड टेस्टिंग के साथ कंपनी का एयर टैक्सी प्रोग्राम अपने सबसे अहम चरण—कोर वैलिडेशन फेज—में प्रवेश कर चुका है. यह वही दौर है जहां डिजिटल प्लान और लैब एक्सपेरिमेंट्स से आगे बढ़कर सिस्टम को असली एयरक्राफ्ट-स्केल पर परखा जाता है. इसी चरण में किसी भी विमान की इंजीनियरिंग क्षमता, सुरक्षा मानक और तकनीकी परिपक्वता की सबसे कठिन परीक्षा होती है.

कंपनी ने बताया कि केवल 9 महीनों की डेवलपमेंट जर्नी में और ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुकाबले बहुत कम निवेश के साथ इस स्तर तक पहुंचना एक अप्रत्याशित उपलब्धि है. यह उपलब्धि भारतीय निजी एयरोस्पेस उद्योग के इंजीनियरिंग स्केल, तेज़ एक्जीक्यूशन और सिस्टम मैच्योरिटी का नया मानक बनकर उभरी है, जिसे दुनिया भी गौर से देख रही है.

इस वक्त टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया SYL-X1 एक फंक्शनल सब-स्केल एयरक्राफ्ट है, जिसे स्ट्रक्चरल स्ट्रेंथ, प्रोपल्शन इंटीग्रेशन और सिस्टम सेफ्टी को वास्तविक स्केल पर जांचने के लिए डिजाइन किया गया है. यह कोई साधारण मॉडल या अकादमिक प्रोटोटाइप नहीं है, बल्कि इसे शुरुआत से ही सर्टिफिकेशन-फ्रेंडली डिजाइन फिलॉसफी के साथ डेवलप किया गया है. यही डेमॉन्स्ट्रेटर भविष्य के 15-मीटर विंगस्पैन वाले फुल-स्केल एयरक्राफ्ट की नींव बनेगा.

सरला एविएशन के को-फाउंडर और CTO राकेश गोंकर का कहना है कि यह उपलब्धि साबित करती है कि जब भारतीय इंजीनियर वैश्विक अनुभव, अनुशासन और उच्च मानकों के साथ काम करते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है. उनका फोकस तेजी से आगे बढ़ने पर नहीं, बल्कि ऐसी तकनीक बनाने पर है जो दशकों तक टिक सके और भारत को एक नए एयरोस्पेस युग में ले जाए.

इसी दौरान कंपनी ने भारत मोबिलिटी जैसे राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन के लिए एक फुल-स्केल स्टैटिक एयरक्राफ्ट तैयार किया है. साथ ही, सरला एविएशन ने 13 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाकर आने वाले वर्षों के लिए अपनी डेवलपमेंट स्ट्रेटजी को और मजबूत किया है, जिससे तकनीक को रफ्तार देने में बड़ी मदद मिलेगी.

कंपनी का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट एक 6-सीटर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी है, जिसे बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और पुणे जैसे भीड़भाड़ वाले महानगरों में यात्रा को मिनटों का खेल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. 2024 में बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने सरला एविएशन के साथ मिलकर एयरपोर्ट से इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी सर्विस की दिशा में एक प्रमुख साझेदारी भी की थी.

दोनों संस्थाओं के बीच सस्टेनेबल एयर मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए एक स्टेटमेंट ऑफ कोलैबोरेशन साइन किया गया था, जिसमें खासतौर पर eVTOL तकनीक पर जोर दिया गया है. अब ग्राउंड टेस्टिंग के साथ यह सपना एक बेहद वास्तविक रूप ले चुका है और ये पहल आने वाले वर्षों में भारत के शहरी ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है.