ट्रंप प्रशासन को निर्वासन में तेजी लाने से कोर्ट की रोक
अमेरिकी अदालत ने ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका देते हुए प्रवासियों को किसी तीसरे देश में डिपोर्ट करने से रोक दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार को निर्वासित किए जाने वाले व्यक्ति को लिखित में नोटिस देना होगा और उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर देना होगा। न्यायाधीश ब्रायन मर्फी ने एक राष्ट्रव्यापी अस्थायी निरोधक आदेश जारी किया है। प्रवासियों के एक समूह ने कोर्ट में याचिका दायर कर इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट की नीति को चुनौती दी थी।

अमेरिकी जिला न्यायाधीश ब्रायन मर्फी ने एक राष्ट्रव्यापी अस्थायी निरोधक आदेश जारी किया है। इस आदेश का मतलब है कि आव्रजन कार्यवाही के दौरान प्रवासियों को उनकी पसंद के देशों के अलावा कहीं और निर्वासित नहीं किया जा सकता है।
अप्रवासियों के एक समूह ने कोर्ट में याचिका दायर कर इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट की नीति को चुनौती दी थी। इस नीति के तहत उन हजारों प्रवासियों को तेजी से निर्वासित किया जाना था, जिन्हें पहले हिरासत से रिहा किया जा चुका है। कोर्ट का कहना है कि बिना किसी सूचना के प्रवासियों को भेजना उन्हें उत्पीड़न और यातना के खतरे में डाल सकता है।
जज मर्फी, जिन्हें राष्ट्रपति जो बाइडन ने नियुक्त किया था, ने कहा कि यातना के खिलाफ कन्वेंशन के तहत प्रवासियों को उन देशों में भेजे जाने से सुरक्षा मिलनी चाहिए जहां उन्हें यातना का खतरा है।