राजद में कलह: जगदानंद सिंह ने फिर सौंपी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश, नेतृत्व पर उठे सवाल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक बार फिर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपना त्यागपत्र सौंपने की पेशकश की है। हालांकि, इस संदर्भ में राजद ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, जगदानंद ने बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। पिछले कुछ समय से वे पार्टी कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं, जिससे उनके पद छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक बार फिर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपना त्यागपत्र सौंपने की पेशकश की है। हालांकि, इस संदर्भ में राजद ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, जगदानंद ने बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। पिछले कुछ समय से वे पार्टी कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं, जिससे उनके पद छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं।
रामगढ़ उपचुनाव की हार से नाराजगी?
जानकारों का कहना है कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में उनके पुत्र अजीत सिंह की हार ने जगदानंद को आहत किया है। रामगढ़ में अंबिका यादव के परिवार और बसपा की मजबूत पकड़ के चलते अजीत सिंह तीसरे स्थान पर रहे। जगदानंद की रामगढ़ क्षेत्र में गहरी पकड़ होने के बावजूद यह हार उनके लिए झटका मानी जा रही है।
पार्टी में अनुशासन को लेकर असंतोष
जगदानंद सिंह की पहचान एक अनुशासनप्रिय और कर्मठ नेता के रूप में रही है। उनके सख्त रवैये से कुछ नेता असंतुष्ट हैं, जो रामगढ़ की हार को आधार बनाकर नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, लालू प्रसाद यादव के प्रति जगदानंद की निष्ठा अडिग मानी जाती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, लालू किसी भी आलोचना पर ध्यान नहीं देंगे।
पिछले प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान
2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के शानदार प्रदर्शन में जगदानंद सिंह का सांगठनिक योगदान अहम रहा था। पार्टी में अनुशासन स्थापित करने के उनके प्रयासों की सराहना भी हुई। यही कारण है कि तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए लालू यादव ने पांच साल पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।
पहले भी दे चुके हैं इस्तीफा
यह पहली बार नहीं है जब जगदानंद ने इस्तीफे की पेशकश की हो। 2021 में तेजप्रताप यादव से विवाद के बाद भी उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया था। तब भी लालू प्रसाद यादव ने उन्हें मनाकर पार्टी कार्यालय लौटाया था।
पार्टी में नेतृत्व को लेकर अटकलें
जगदानंद सिंह के इस्तीफे की पेशकश से राजद में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, लालू यादव के निर्णय पर सबकी निगाहें टिकी हैं। जगदानंद के समर्पण और पार्टी में अनुशासन लाने के प्रयासों को देखते हुए पार्टी उनके विकल्प के चयन में सतर्कता बरत सकती है।