कैदियों को सुकून: गीतकार गीतेश की किताब से सकारात्मक बदलाव

सीतामढ़ी जेल प्रशासन ने कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जेल की लाइब्रेरी में साहित्यकार गीतेश की पुस्तकों को शामिल किया है। इन पुस्तकों के माध्यम से कैदी महान विभूतियों के बारे में जान पाएंगे और अपने तनाव को कम कर सकेंगे, जिससे उन्हें नई शुरुआत करने की प्रेरणा मिलेगी। काराधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा की उपस्थिति में गीतकार गीतेश ने अपनी पुस्तकें भेंट कीं।

Mar 11, 2025 - 15:31
कैदियों को सुकून: गीतकार गीतेश की किताब से सकारात्मक बदलाव

सीतामढ़ी जेल प्रशासन ने कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक अनूठी पहल की है। जेल अधीक्षक ने जेल की लाइब्रेरी में स्थानीय साहित्यकार गीतेश की पुस्तकों को शामिल किया है।

इन पुस्तकों के माध्यम से कैदी न केवल महान विभूतियों के बारे में जान पाएंगे, बल्कि अपने तनाव को भी कम कर सकेंगे, जिससे उन्हें एक नई शुरुआत करने की प्रेरणा मिलेगी।

स्थानीय जेल में, छोटे-बड़े मामलों में लगभग एक हजार कैदी बंद हैं। इनमें से कई शिक्षित हैं और पढ़ने-लिखने के लिए उत्सुक रहते हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि शिक्षित कैदी जेल में ऊब न महसूस करें और उन्हें घर जैसा माहौल मिले, इसलिए लाइब्रेरी में साहित्यकारों की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं।

अब, इस लाइब्रेरी में 'हंसी अप-गम डाउन' समेत गीतेश की तीन और पुस्तकें शामिल की गई हैं।

काराधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा की उपस्थिति में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें गीतकार गीतेश ने बंदियों को 'हंसी अप-गम डाउन', 'मुफलिसी के गांव में' और 'सीतामढ़ी के व्यक्ति विशेष' नामक अपनी पुस्तकें भेंट कीं।

गीतेश ने अपनी रचना 'बीते दिनों की मत कोई बात कीजिए, जिंदगी की फिर नई शुरुआत कीजिए' से कैदियों को प्रेरित किया।

सिन्हा ने कहा कि इन पुस्तकों से कैदियों को जीवन को बेहतर बनाने की सीख मिलेगी। 'व्यक्ति विशेष' पुस्तक में जिले के कई चर्चित व्यक्तियों की जीवनियाँ हैं, जिनसे बंदियों को प्रेरणा मिलेगी।

जेल अधीक्षक ने कहा कि हास्य-व्यंग्य से भरी कविताएँ कैदियों को तनाव कम करने में मदद करेंगी। जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष चन्द्र राजकुमार ने कहा कि साहित्य पढ़ने से असामाजिक गतिविधियों में लिप्त लोग सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।