प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा: पहाड़ी टिप्पणी पर विवाद
उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पहाड़ी लोगों पर की गई टिप्पणी के बाद इस्तीफा दे दिया। विपक्ष ने भाजपा पर पहाड़ी निवासियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। अग्रवाल ने कहा था कि उन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए इसलिए संघर्ष नहीं किया था कि 'पहाड़ी' और 'देसी' के बीच भेदभाव किया जाए। बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया। इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और भाजपा को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।

इस भाषण में, प्रेमचंद अग्रवाल ने कथित तौर पर कहा था कि उत्तराखंड राज्य केवल पहाड़ी लोगों के लिए नहीं है। इस बयान के बाद विपक्ष ने भाजपा पर पहाड़ी निवासियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया, जिसके चलते राज्य सरकार को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उनके आवास पर सौंपा।
फरवरी में बजट सत्र के दौरान, कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की एक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रेमचंद अग्रवाल ने गुस्से में कहा था कि उन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए इसलिए संघर्ष नहीं किया था कि 'पहाड़ी' और 'देसी' के बीच भेदभाव किया जाए। इस दौरान उन्होंने विपक्षी विधायकों के साथ बहस में एक आपत्तिजनक शब्द का भी इस्तेमाल किया, जिससे राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों में काफी आक्रोश था।
हालांकि, बाद में मंत्री ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया और भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें संयम बरतने की हिदायत दी। इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की और प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की मांग की। इस घटना ने पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों के बीच के संवेदनशील मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया, जिससे भाजपा को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।